सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने सोमवार को मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि विवाद से संबंधित मामले को 10 नवंबर के लिए स्थगित कर दिया। शुरुआती सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से भूमि विवाद मामले से संबंधित अदालत में चल रहे मुकदमों का विवरण देने को कहा।
प्रबंधन ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह समिति ने शीर्ष अदालत में अपील दायर कर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी। जिसने मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि भूमि विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं को जिला न्यायालय मथुरा उत्तर प्रदेश से अपने पास स्थानांतरित कर लिया। यह याचिका कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह ने वकील आरएचए सिकंदर के माध्यम से दायर की थी।
कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित 26 मई के आदेश को चुनौती दी। जिसके तहत उसने कृष्ण जन्मभूमि विवाद से संबंधित ऐसे सभी मामलों को उत्तर प्रदेश के मथुरा में जिला न्यायालय से अपने पास स्थानांतरित कर लिया था। स्थानांतरण आवेदन को उच्च न्यायालय द्वारा इस तथ्य के बावजूद अनुमति दी गई थी कि जिस मुकदमे से स्थानांतरण आवेदन प्राप्त हुआ था उस पर चल रही कार्यवाही को 3 अगस्त 2022 के आदेश के तहत इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक समन्वय पीठ द्वारा रोक दिया गया था। दो अपीलीय चरणों को हटा दिया गया और अन्य मुकदमों को भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया जिसके लिए कोई स्थानांतरण आवेदन दायर नहीं किया गया था।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में अब तक मथुरा कोर्ट में नौ मुकदमे दाखिल हो चुके हैं। लखनऊ की रहने वाली रंजना अग्निहोत्री ने श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया था। अग्निहोत्री ने अपने कानूनी मुकदमे में कृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की थी।
मथुरा अदालत में दायर मुकदमे में भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के पास कटरा केशव देव मंदिर के 13.37 एकड़ परिसर में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर 1669-70 में बनाई गई मस्जिद को हटाने की मांग की गई थी।