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वर्ल्ड हार्ट डे


आज वर्ल्ड हार्ट डे है। विश्व में हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का लक्ष्य लोगों में दिल की सेहत का ख्याल रखने के लिए जागरूकता फैलाना है। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसे बढ़ते मामलों को देखते हुए, इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। लोगों के पास दिल से जुड़ी जानकारियां कम होती हैं। कैसे दिल का ख्याल रखना है, क्या हार्ट की सेहत के लिए बुरा है, दिल से जुड़ी क्या समस्याएं हो सकती हैं और उसके क्या लक्षण होते हैं, इन सभी बातों के बारे में सामान्य तौर पर कम जानकारी होना, कार्डियो वैस्कुलर बीमारियां होने के पीछे एक बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। वर्ल्ड हार्ट डे के पीछे का मकसद यही है कि लोगों में दिल की सेहत के प्रति जागरूकता बढे़ और वे कार्डियो वैस्कुलर बीमारियों के प्रति जागरूक हो सकें। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में हर साल हार्ट डिजीज की वजह से करीब 1.79 करोड़ लोगों को मौत हो जाती है। पूरे विश्व के लिए हार्ट डिजीज सबसे बड़ा खतरा बन गई हैं।

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने साल 2000 में 24 सितंबर को पहली बार वर्ल्ड हार्ट डे मनाया गया था। लेकिन 2012 में इसे 29 सितंबर को मनाने का एलान किया गया और तब से हर साल यह 29 सितंबर को मनाया जाने लगा।

“ यूज हार्ट, नो हार्ट” (Use Heart, Know Heart)

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने इस साल हार्ट डे की थीम “ यूज हार्ट, नो हार्ट” रखा है। यूथ बात-चीत करने के लिए इमोजीस का काफी इस्तेमाल करते हैं और विजुअल कम्युनिकेशन के जरिए लोगों का ध्यान भी आकर्षित किया जाता है। इसलिए इस साल इस दिन दिल के इमोजी का इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया है, ताकि हार्ट डे के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता फैले। नो हार्ट (know heart) के जरिए लोगों में हार्ट से जुड़ी जानकारी ज्यादा से ज्यादा पहुंच सके यह कोशिश की गई है। लोगों के पास दिल से जुड़ी जितनी अधिक जानकारी होगी, वे उतने ही अच्छे से अपने दिल की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।

कैसे रखे हार्ट का ख्याल?

-प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। योग, रनिंग, ब्रिस्क वॉकिंग जैसी कई एक्टिविटीज हैं, जिन्हें आप अपना सकते हैं। एक्सरसाइज करने से कोलेस्ट्रोल और फैट कम होता है, जिससे हार्ट की सेहत बेहतर रहती है।
-हेल्दी वजन मेंटेन करें। मोटापा दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर एबडोमिनल ओबेसिटी। इससे डायबीटिज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है, जो दिल से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
-वजन, कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की रेगुलर जांच कराएं। यह बीमारियां दिल के लिए घातक साबित हो सकती हैं। इन समस्याओं का वक्त पर पता चलने से इन्हें कंट्रोल किया जा सकता है।
-संतुलित आहार लें। हेल्दी खाना खाने से आपकी सेहत अच्छी रहती है, इसलिए प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स से भरपूर खाना खाएं। इसके साथ ही नमक, तेल आदि का इस्तेमाल कम करें।
-स्ट्रेस बढ़ती दिल की बीमारियों का एक कारण हो सकता है, इसलिए मेडिटेशन, कम से कम 7-8 घंटे की नींद आदि से आप स्ट्रेस मैनेज कर सकते हैं।

 


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