प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दूसरे खंड का उद्घाटन करेंगे। जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी और वडोदरा के बीच सड़क यात्रा का समय घटकर 10 घंटे हो जाएगा। अभी तक इन दोनों शहरों के बीच सड़क मार्ग से दूरी 1,000 किमी से ज्यादा थी।
इस नए एक्सप्रेसवे खंड के उद्घाटन के साथ सड़क के माध्यम से दूरी घटकर केवल 845 किमी रह जाएगी। इस एक्सप्रेसवे को तैयार करने में लगभग 12,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दिल्ली-वडोदरा खंड हरियाणा (79 किमी) और चुनाव वाले राज्यों मध्यप्रदेश (244 किमी) और राजस्थान (373 किमी) से होकर गुजरता है। नया एक्सप्रेस-वे दिल्ली और वडोदरा के सफर को सोहना, दौसा, लालसोट सवाई माधोपुर, कोटा, रतलाम दाहोद और गोधरा से गुजरते हुए आधा कर देगा। पहले जिस सफर को तय करने में 18-20 घंटे लगते थे, वहां अब सिर्फ 10-10.30 घंटे लगेंगे। यह आठ-लेन ई-वे एक एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है और कारें 120 किमी/घंटा की स्पीड से चल सकती हैं। यह जयपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल और अहमदाबाद को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करते हुए दोनों शहरों के बीच यात्रा को आसान बनाने जा रहा है।
एक्सप्रेसवे के दिल्ली-वडोदरा खंड से यात्रा के समय में काफी कमी आने की उम्मीद है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत के छह राज्यों को जोड़ता है: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात। एक बार पूरी तरह चालू होने के बाद आठ-लेन एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे (1,386 किलोमीटर) होगा।
एक्सप्रेसवे पर 40 से अधिक मुख्य इंटरचेंज हैं। जिसमें तीन मीटर चौड़ा गलियारा उपयोगिता लाइनों के लिए निर्दिष्ट है, जिसमें सौर ऊर्जा उत्पादन, ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइपलाइन और एक उन्नत स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली शामिल है।