पंजाब के अग्निवीर अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद बना हुआ है। अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान भारतीय सेना के गार्ड ऑफ ऑनर न दिए जाने को लेकर विभिन्न दलों के नेता सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अग्निवीर अमृतपाल सिंह के पिता ने भी इसे लेकर सवाल उठाए।
इन्हीं विवादों के चलते भारतीय सेना ने एक बयान जारी किया है। जिसमें लिखा कि अग्निवीर अमृतपाल ने सुसाइड किया था, इसलिए नियमों के मुताबिक उसे गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया।
सेना के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल X पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अमृतपाल के अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया, क्योंकि खुद को पहुंचाई गई चोटों से होने वाली मौत के मामले में यह सम्मान नहीं दिया जाता है। सेना ने कहा कि शहीदों को सम्मान देने के मामले में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है। जवान चाहे अग्निवीर योजना के तहत भर्ती हुआ हो या योजना के कार्यान्वयन से पहले सेना में शामिल हुआ हो।
बयान में यह भी कहा गया है कि किसी सैनिक की आत्महत्या या खुद से लगी चोट के कारण होने वाली मौत की घटना होने, सेना में एंट्री के तरीके की परवाह किए बिना सैनिक को उचित सम्मान दिया जाता है। हालांकि, ऐसे मामले 1967 के सेना आदेश के अनुसार सैन्य अंत्येष्टि के हकदार नहीं हैं। इस नीति का बिना किसी भेदभाव के लगातार पालन किया जा रहा है।
सेना के जारी किए आंकड़ों के अनुसार 2001 के बाद से हर साल 100-140 सैनिकों की मौत हुई है। ये मौतें आत्महत्या/खुद को लगी चोटों के कारण हुईं हैं। इसी तरह के मामलों में सैन्य अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी गई। अंतिम संस्कार के लिए वित्तीय सहायता के अलावा मृतक के पद के अनुसार मदद की जाती है।