भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर वियतनाम के चार दिवसीय दौरे पर हैं। डॉ. एस. जयशंकर ने आज वियतनाम के हो ची मिन्ह सिटी में भारतीय समुदाय से मुलाकात की और महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि संघर्ष और हिंसा से घिरी हुई आज की दुनिया में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता बहुत ज्यादा है। वियतनाम की हो ची मिन्ह सिटी में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में विदेश मंत्री जयशंकर ने स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रपिता के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वे सिर्फ राजनैतिक प्रेरणा नहीं हैं बल्कि कूटनीति के प्रेरक भी हैं।
एस. जयशंकर ने वियतनाम के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। साथ ही जयशंकर ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत के रूख को साझा करते हुए इस क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को लेकर भी चर्चा की।
वियतनाम की चार दिनों की आधिकारिक यात्रा पर हो ची मिन्ह सिटी पहुंचे एस. जयशंकर ने वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात की। विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैंने उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं दीं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों के आगे के विकास के लिए उनके मार्गदर्शन को महत्व दिया। मजबूत भारत-वियतनाम साझेदारी स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक में योगदान देती है।”
इससे पहले जयशंकर ने अपने वियतनामी समकक्ष बुई थान सोन से मुलाकात की और व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर और वियतनाम के विदेश मंत्री ने भारत और वियतनाम के बीच राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने के मौके पर संयुक्त रूप से स्मारक डाक टिकट जारी किया।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “कलारीपयट्टू और वोविनम को दर्शाने वाले टिकट, खेल के प्रति हमारी साझा आत्मीयता को दर्शाते हैं। साथ ही भारत और वियतनाम के बीच मजबूत सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों का जश्न मनाते हैं।”
दोनों नेताओं ने हनोई में 18वीं भारत-वियतनाम संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता भी की।