4 मार्च से गाजियाबाद नगर निगम ने कूड़ा उठाने वालों को गिला और सूखा कचरा मिक्स करके देने वालों पर 200 रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके देने की बात कही है। ऐसा नहीं करने पर मकान मालिकों पर 200 रुपये प्रति माह का जुर्माना लगाने का निर्देश 4 मार्च से लागू कर दिए जाएंगे।
इसके साथ ही मांस की दुकानों को पशु अपशिष्ट डंप करने पर प्रति माह 750 रुपये का भुगतान करना होगा। बल्क वेस्ट जनरेटर द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति सप्ताह 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। नगर निगम आयुक्त नितिन गौड़ का कहना है कि, “राज्य सरकार ने बहुत विचार-विमर्श के बाद आखिरकार इस तरह के नियम को लागू कर जुर्माना तय किया है। जो नगर पालिका से लेकर नगर पालिका और नगर पंचायतों तक अलग-अलग होगा।“
यह उल्लंघनकर्ताओं को दंडित करने में GMC समेत राज्य भर की नगर पालिकाओं के हाथ में एक प्रमुख शॉट के रूप में आया है। पहले इस तरह के उल्लंघनों पर एक समान राज्य कानून के अभाव में, उल्लंघन करने वालों पर लगाम लगाना मुश्किल साबित हो रहा था। गीले और सूखे कचरे को अलग नहीं करने पर मकान मालिकों पर 4 मार्च से 200 रुपये प्रति माह का जुर्माना लगाया जाएगा।
बता दें कि एक घर में हर दिन 350 ग्राम से 400 ग्राम तक कचरा पैदा होता है और अगर सूखे और गीले कचरे को स्रोत पर ही अलग कर दिया जाए तो यह कचरे के उत्पादन को आधा कर देगा। गाजियाबाद औसतन रोजाना करीब 1,400 मीट्रिक टन कचरा पैदा करता है। GMC को कचरा मुक्त शहर के लिए राज्य सरकार के शुरू किए गए ‘ऑपरेशन डस्टक’ के तीसरे चरण को चिह्नित करने के लिए 4 मार्च से 31 मार्च तक एक अभियान चलाने का भी निर्देश दिया गया है।