Sushil Kumar Modi: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच बिहार की सियासत से जुड़ी दुखद खबर सामने आई है। प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का कैंसर के चलते 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने 13 मई की रात दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। वे राज्यसभा सदस्य भी रह चुके थे। उनका जाना बिहार की राजनीति में एक अध्याय के अंत होने जैसा है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को जेल भिजवाने में अहम रोल निभाया था। आइए, उनके राजनीतिक सफर पर एक नजर डालते हैं…
सुशील कुमार मोदी का जन्म कब हुआ?
सुशील कुमार मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ था। इनकी मां का नाम रत्ना देवी और पिता का नाम मोती लाल मोदी था। इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पटना के सेंट माइकल स्कूल से पूरी की। इसके बाद बी एन कॉलेज पटना से बीएससी की डिग्री हासिल की।
सुशील कुमार मोदी की पत्नी का नाम क्या है?
सुशील कुमार मोदी ने 1987 में क्रिश्चियन लड़की जेसी जॉर्ज से शादी की थी। जेसी मुंबई की रहने वाली है। उनके दो बेटे हैं- उत्कर्ष और अक्षय।
राजनीति करियर की कैसे हुई शुरुआत?
सुशील मोदी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1971 में छात्र राजनीति से हुई। वे 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री चुने गए। इसके बाद वे 1990 में पटना सेंट्रल से पहली बार विधायक चुने गए। उसी साल बीजेपी ने उन्हें बिहार विधानसभा दल का मुख्य सचेतक बनाया था। सुशील मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के आजीवन सदस्य रहे। उनके निधन पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शोक संवेदना व्यक्त की है।
सुशील कुमार मोदी पहली बार सांसद कब बने?
सुशील कुमार मोदी पहली बार भागलपुर से 2004 में सांसद बने। वे 1996 से 2004 तक बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। वे 2005 में बिहार के डिप्टी सीएम चने गए। इसके बाद 2010 में भी एनडीए सरकार आने के बाद उन्होंने उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। वे 2017 से 2020 तक तीसरी बार डिप्टी सीएम बने। वे बिहार विधान परिषद और राज्यसभा के भी सदस्य रहे। उन्हें 7 दिसंबर 2020 को राज्यसभा भेजा गया।
समय से आगे चलने वाले सुशील मोदी
सुशील मोदी समय से आगे चलने वाले राजनेता थे। उनके पास उस समय टेबलेट था, जब इसके बारे में ज्यादा नेता नहीं जानते थे। यह 1995 की बात है।
लालू यादव को जेल भिजवाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
लालू यादव को जेल भिजवाने में सुशील मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने ‘लालू लीला’ नाम की एक किताब भी लिखी है, जिसमें लालू यादव के परिवार से जुड़े घोटालों के बारे में बताया गया है। सुशील मोदी ने 1996 में चारा घोटाला केस में सीबीआई जांच की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने 4 अप्रैल 2017 से लगातार 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसका नतीजा यह हुआ कि 26 जुलाई 2017 को लालू-नीतीश की सरकार गिर गई।
लालू यादव ने सुशील कुमार मोदी के निधन पर जताया शोक
लालू यादव ने भी सुशील कुमार मोदी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के समय यानि विगत 51-52 वर्षों से हमारे मित्र भाई सुशील मोदी के निधन का अति दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। वे एक जुझारू, समर्पित सामाजिक राजनीतिक व्यक्ति थे। ईश्वर दिवगंत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।