नीतीश कुमार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया है। प्रस्ताव के पक्ष में 129 वोट पड़े। वहीं विपक्ष ने वोटिंग के दौरान वॉकआउट किया। नीतीश कुमार के विपक्ष में शून्य वोट पड़े। विश्वास मत RJD, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल, आनंद मोहन के बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव वोटिंग से पहले सत्ता पक्ष के खेमे में जाकर बैठक गए। इसी से साफ हो गया कि नीतीश कुमार आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे।
बिहार में एनडीए के पास 128 विधायक थे। एक वोट विधानसभा स्पीकर का कम हुआ। वहीं विधायक दिलीप राय विधानसभा नहीं पहुंच सके। ऐसे में यह संख्या 126 हो गई। इसमें तीन आरजेडी विधायकों का समर्थन जुड़ने से पक्ष में वोट करने वालों की संख्या 129 हो गई। दरअसल सदन में होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले विपक्ष यानी महागठबंधन का दावा था कि सरकार अल्पमत में है लेकिन फ्लोर टेस्ट में विपक्ष का ये दावा गलत साबित हुआ। मालूम हो कि बिहार विधानसभा में कुल विधायको की संख्या 243 है। सदन में बहुमत साबित करने के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है लेकिन फ्लोर टेस्ट में नीतीश सरकार ने इस संख्या से अधिक विधायकों का समर्थन पाया।
विधानसभा में क्या बोले बिहार सीएम ?
विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम अपनी पुरानी जगह आ गए हैं, लेकिन किसी का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। बिहार में विकास कार्य चलते रहेंगे। राज्य के हित में काम करते रहेंगे। अब हम यहां आ गए हैं, और यहीं रहेंगे। सबको साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने कहा 2005 से पहले लोग शाम को घर से बाहर निकलने से डरते थे। अब महिलाएं भी रात को बिना डर के घरों से बाहर निकलती हैं। महिलाएं आज पढ़ रही हैं। पहले महिलाएं कहां पढ़ती थीं? हमने लगातार काम किया है। हम किसी के खिलाफ नहीं है। हम हर गड़बड़ी की जांच करेगे।
वहीं बिहार विधानसभा में RJD नेता तेजस्वी ने कहा कि कोई आए न आए जब समय आएगा, तब तेजस्वी आएगा हम लोग बिहार के हित और तरक्की के लिए, स्थिरता जब तक नहीं रहेगी सरकार में तब तक विकास संभव नहीं है। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या कारण है कि मुख्यमंत्री ने एक बार फिर पाला बदल लिया है। नीतीश कुमार ने 9 बार शपथ लेकर इतिहास रच दिया है। नीतीश कभी इधर रहते हैं, कभी उधर रहते हैं। इसकी क्या वजह है?
वोटिंग से पहले बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। आरजेडी ने दावा किया था कि खेला होगा, लेकिन तीन विधायकों के टूटने से खेल पलट गया।