श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

बिहार पुलिस अफसरों को दी जा रही तीन नए आपराधिक कानून की ट्रेनिंग

NEW CRIMINAL LAW | BIHAR POLICE | TRAINING | NITISH KUMAR | SHRESHTH BHARAT

कुछ समय पहले ही पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून लाए गए थे। इसी को देखते हुए बिहार में भी तीनों आपराधिक कानून लागू किए जा रहे हैं। बिहार के पुलिस मुख्यालय में 137 पुलिस अधिकारियों को इन तीनों कानूनों की जानकारी ट्रेनिंग के माध्यम से दी जा रही है। बिहार के AIG कल्याण विशाल शर्मा ने बताया कि इस ट्रेनिंग का आयोजन बिहार पुलिस राजगीर के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन, BPRND दिल्ली के निर्देश पर ट्रेनिंग देने का काम केंद्रीय गुप्तचर ट्रेनिंग संस्थान गाजियाबाद के अनुदेशकों द्वारा किया जा रहा है।  

एक जुलाई से जिसे हम इंडियन पीनल कोड कहते थे, इसकी जगह भारतीय न्याय संहिता कानून लाया गया है। इसी तरह क्रिमिनल प्रोसीजर कोड CRPC की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू किया गया है।

नये आपराधिक कानूनों के संबंध में, प्रेस वार्ता कर विशेष जानकारी प्रदान करते पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (कल्याण) श्री विशाल शर्मा

जो पहले अपराध की धाराएं पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव किया गया है। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी।

ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं रेप के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी. हालांकि, हिट एंड रन केस का संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होगा। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला मैक्सिमम 3 साल में देना होगा।

1. भारतीय न्याय संहिता

20 नए अपराधों को जोड़ा गया है, इनमें मॉब लिंचिंग, साइबर अपराध और आतंकवाद से जुड़े अपराध शामिल हैं। 19 अपराधों को हटा दिया गया है, जिनमें राजद्रोह (IPC Section 124A) और आपराधिक षड्यंत्र (IPC Section 120A) शामिल हैं। 33 अपराधों के लिए सजा में वृद्धि की गई है, जैसे कि हत्या (IPC Section 302) और बलात्कार (IPC Section 376)। में कई नई धाराएं जोड़ी गई हैं, जैसे कि ‘आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए दंड’ (Section 153A) और ‘झूठी जानकारी फैलाने के लिए दंड’ (Section 295A) के तहत कार्रवाई होगी।

2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता

आतंकवाद से संबंधित अपराधों की परिभाषा को व्यापक बनाया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए सजा को कड़ा किया गया है। आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर प्रावधान किए गए हैं। पुलिस की शक्तियों को परिभाषित किया गया है।

3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को स्वीकार्य बनाया गया है। गवाहों की सुरक्षा के लिए बेहतर प्रावधान किए गए हैं। साक्ष्य की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Health News
Health News: टॉयलेट सीट पर चलाते हैं फोन, बड़ी बीमारी से हो सकते हैं ग्रसित!
CM DHAMI
Uttarakhand: जनजातीय गौरव दिवस आज, मुख्यमंत्री धामी करेंगे कार्यक्रम का शुभारंभ
UPPSC Exam News Date
UPPSC Exam News Date: UPPSC परीक्षा की नई तारीख का एलान, जानें कब होगा एग्जाम
UPPSC RO-ARO Protest
UPPSC Protest: छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, जानें कहां फंसा है पेंच
Anshul Kamboj
Ranji Trophy: अंशुल कंबोज ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने 6ठें भारतीय गेंदबाज
India Vs South Africa 4th T20
IND vs SA: सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगी सूर्या ब्रिगेड, जानें संभावित प्लेइंग11