Bihar: सीवान में गुरुवार को जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई है। छपरा के एसपी कुमार आशीष ने कहा कि एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
स्थानीय चौकीदार और पंचायत बीट पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई के तहत मशरक थाने के एसएचओ और मशरक अंचल एएलटीएफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिला मजिस्ट्रेट मुकुल कुमार गुप्ता के अनुसार, भगवानपुर थाने के भगवानपुर एसएचओ और मद्य निषेध एएसआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
छपरा में इसी तरह की घटना में 4 की मौत
छपरा एसपी, कुमार आशीष ने मीडिया को बताया कि एक अन्य घटना में सारण जिले में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की जान चली गई। एसआईटी का गठन किया गया है और 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
मीडिया से बात करते हुए एक मृतक के रिश्तेदार ने कहा कि मृतक 15 अक्टूबर को शराब पी थी और कल शाम से उसकी तबीयत खराब होने लगी। वह कुछ भी नहीं देख पा रहा था, उसके बाद हम उसे यहां अस्पताल लेकर आए।
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दोनों मामलों में आगे की जांच चल रही है।इस बीच विपक्षी राजद ने नीतीश कुमार सरकार पर हमला करते हुए सवाल उठाया है कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद नकली शराब कैसे उपलब्ध कराई गई।
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने बिहार सरकार पर उठाया सवाल
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “ज़हरीली शराब पीने से लोगों की जान चली गई है। यह बहुत ही दुखद और चिंता की बात है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी ज़हरीली शराब मिल रही है। हर बार होली और दिवाली के समय देखा जाता है कि किस तरह से ज़हरीली शराब से लोगों की मौत होती है। इसके लिए सीधे तौर पर एनडीए सरकार ज़िम्मेदार है। शराब माफियाओं को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और जब तक उन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है, तब तक शराबबंदी कानून का उल्लंघन इसी तरह होता रहेगा। इस एनडीए सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। जब शराबबंदी कानून लागू है तो इस तरह से ज़हरीली शराब कैसे मिल रही है?