Cyclone Remal: भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में चक्रवात रेमल के कारण भारी बारिश और भूस्खलन हुआ, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। वहीं, कई लोगों के लापता होने की भी आशंका जताई जा रही है। ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। यहां पर रेस्क्यू टीम के द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चक्रवात रेमल के बारे में दी जानकारी
असम में चक्रवात रेमल के दस्तक देने के बाद बाद तेज हवाओं के चलने के साथ भारी बारिश हुई। इसमें एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई और करीब 18 लोग घायल हो गए। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चक्रवात रेमल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नगांव, होजई, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, गोलाघाट, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज में भारी बारिश और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्वी बांग्लादेश में तूफान 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है और आज रात तक इसके कमजोर पड़ने की आशंका है।
अधिकारियों ने दी मौत की जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि कामरूप जिले के सतगांव इलाके के नवज्योति नगर में घर पर पेड़ गिरने से मिंटू तालुकदार (19 वर्षीय) की मौत हो गई। वहीं, उनके पिता घायल हो गए। इसके अलावा, एक महिला लबान्या कुमारी (60 वर्षीय) पेड़ गिरने से घायल हो गईं। उन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इसी बीच, लखीमपुर जिले के गुरुकामुख में एनएचपीसी की लोअर सुबनसिरी पनबिजली परियोजना में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में पुतुल गोगोई नाम के एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। इसी तरह मोरीगांव जिले के दिघलबोरी में एक ऑटोरिक्शा पर पेड़ गिर जाने से उसमें सवार छात्र बोरदोलोई एम्फी (17 वर्षीय) की मौत हो गई।
त्रिपुरा में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चक्रवात से बिजली और कृषि क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से कुल 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। राज्य में चक्रवाती तूफान के कारण कोई इंसान हताहत नहीं हुआ। चौधरी ने बताया कि निचले इलाकों में बाढ़ आई है, जिससे 746 लोग बेघर हो गए हैं। उन्हें 15 राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।