भारत की क्रिकेट टीम को तीसरे टेस्ट मे ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट से करारी शिकस्त दी है, भारत के लिए अनुकूल स्पिन विकेट, उसी के बल्लेबाजों पर ही भारी पड़ गया. हाल ही के और टेस्ट मैचों की तरह ये टेस्ट मैच भी पूरे पाँच दिन नहीं चल सका और तीसरे दिन के पहले सत्र में ही खत्म हो गया.
इंदौर में हुए इस टेस्ट मैच में स्पिनरों का पूरी तरह से बोलबाला रहा, भारत के बल्लेबाज स्पिनरों को खेलने में माहिर माने जाते हैं लेकिन इंदौर की इस टर्निंग विकेट पर भारत के बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों के सामने पूरी तरह से घुटने टेक दिए. भारत के बल्लेबाज इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में केवल 272 रन ही बना पाएं.
भारत ने इससे पहले जो दो टेस्ट मैच, इस बॉर्डर–गावस्कर सीरीज में जीते थे वो भी टर्निंग विकेट पर ही जीते थे लेकिन यहां पर ये टर्निंग विकेट भारत के बल्लेबाजों पर भारी पड़ गया और भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों एक बेहद शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर नॉथन लिओन और उनके नये स्पिनर साथी मैथ्यू कुहैनेमैन ने मिलाकर दोनों पारियों में भारत के 17 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई.
सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच 9 मार्च को अहमदाबाद में खेला जायेगा, भारत अब तक खेले गए तीन टेस्ट मैचों में से 2 जीत चुका है तो भारत अब ये सीरीज हारने की स्थिति में नहीं है लेकिन अपने घर में अपने अनुकूल विकेट और परिस्थितियों में एक हार से भी भारत के बल्लेबाजों पर सवाल उठ रहे हैं, इस मैच से पहले जो सवाल लोकेश राहुल के लिए उठ रहे थे, इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद पूरी टीम पर ही उठ रहे हैं, लोकेश राहुल की जगह टीम में आए शुभमन गिल भी इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके.
जब से T20 क्रिकेट का बोलबाला शुरू हुआ है तब से असली क्रिकेट यानी टेस्ट क्रिकेट का ग्राफ लगातार गिरा है और उसमे घरेलू टीम का अपनी फायदे के हिसाब से पिच बनाना भी एक बड़ा कारण है जिससे टेस्ट मैच पाँच दिन नहीं चल पा रहे हैं और अधिकतर मुकाबले एकतरफा ही हो रहे हैं, बड़े खिलाड़ी भी टेस्ट मैच से ज्यादा T20 क्रिकेट खेलने को प्राथमिकता दे रहे हैं.