PR Sreejesh Retirement: भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अच्छी यादों के साथ हॉकी को अलविदा कह दिया है। पेरिस ओलंपिक्स 2024 में स्पेन के खिलाफ खेला गया ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला श्रीजेश के करियर का आखिरी मैच था, सन्यास का एलान श्रीजेश ने पहले ही कर दिया था। टीम इंडिया ने स्पेन को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
Thank you, PR Sreejesh, for guarding our dreams with your unparalleled grit and heart! 🥅
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 8, 2024
From the fields of Kizhakkambalam to the grand stages of the Olympics, your journey has been nothing short of inspiring. A farmer’s son who trained as a sprinter, you found your true… pic.twitter.com/SdHUR4IYN1
पीआर श्रीजेश के नाम कई उपलब्धियां
श्रीजेश ने साल 2006 के दक्षिण एशियाई खेलों के समय भारत की सीनियर हॉकी टीम के लिए डेब्यू किया था। वहीं, साल 2011 से वो गोलकीपर के तौर पर लगातार टीम इंडिया के साथ जुड़े रहे हैं। उनकी उपलब्धियों की बात करें तो श्रीजेश ने 2014 और 2022 के एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके नाम 2016 और 2018 हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का सिल्वर मेडल भी है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक्स 2020 और पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भी भारत को मेडल दिलाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
दुनिया के सबसे बेहतरीन गोलकीपरों में से एक पीआर श्रीजेश
पीआर श्रीजेश हॉकी जगत में दुनिया के सबसे बेहतरीन गोलकीपरों में से एक थे। पेरिस ओलंपिक्स 2024 की ही बात करें तो उन्होंने कई अहम मौकों पर विपक्षी टीम को गोल करने से रोका था। वहीं, स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन को आखिरी 2 मिनट के भीतर दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन श्रीजेश चट्टान की तरह अपनी जगह डटे थे। उन्होंने दोनों में से एक भी मौके पर स्पेन को गोल नहीं करने दिया। एक बेहतरीन गोलकीपर होने के चलते उन्हें हॉकी में ‘द ग्रेट वॉल’ के नाम से भी पहचाना जाता है।
ब्रॉन्ज मेडल श्रीजेश को समर्पित
मैच के बाद श्रीजेश ने गोल पोस्ट के ऊपर बैठकर अपने ऐतिहासिक और शानदार करियर की खुशी मनाई. वहीं कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने उन्हें अपने कंधों पर बैठाकर मैदान में भी घुमाया और उनके प्रति सम्मान प्रकट किया. इस बीच मुकाबला समाप्त होने के बाद इंटरव्यू में मनप्रीत सिंह ने बताया कि भारत की यह ब्रॉन्ज मेडल जीत पीआर श्रीजेश को समर्पित है, जिन्होंने बहुत लंबे समय तक भारतीय हॉकी टीम को अपनी सेवाएं दी हैं।