संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को इस बात पर जोर दिया कि गाज़ा में 88 कर्मचारी मारे गए हैं जो संयुक्त राष्ट्र के किसी एक संघर्ष में हुई मौतों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
7 अक्टूबर को युद्ध की शुरुआत के बाद से फ़िलिस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के 88 कर्मचारी कथित तौर पर मारे गए हैं। सभी प्रमुख संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुखों के एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह आंकड़ा ‘’एक ही संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र में अब तक दर्ज की गई मौतों की सबसे अधिक संख्या” दर्शाता है।
संयुक्त बयान में गाज़ा में नागरिकों की मौत पर आक्रोश व्यक्त किया गया और “तत्काल मानवीय युद्धविराम” का आह्वान किया गया। इस बीच यह भी मांग की गई कि हमास उन बंधकों को रिहा करे जिन्हें इजराइल से अगवा किया गया था।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को घोषणा की कि इज़राइल तब तक युद्धविराम पर सहमत नहीं होगा जब तक कि हमास आतंकवादी समूह अपने बंधकों को रिहा नहीं कर देता। नेतन्याहू के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है “इसे (‘युद्धविराम’ शब्द) शब्दकोष से बाहर निकालें। हम इसे तब तक जारी रखेंगे जब तक हम उन्हें हरा नहीं देते हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।” बयान में कहा गया “30 दिन हो गए हैं बहुत हो गया यह अब रुकना चाहिए।‘’
कथित तौर पर गाज़ा में हमास द्वारा 240 इजरायलियों को अभी भी बंधक बनाकर रखा गया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इज़राइल-हमास युद्ध के नवीनतम घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए आज एक और आपातकालीन बैठक आयोजित करेगी।
यूएई के एक प्रवक्ता ने कहा “गाज़ा में बिगड़ती स्थिति और अल-शिफा अस्पताल पर हमले और जबालिया शरणार्थी शिविर पर बार-बार हमलों के मद्देनजर यूएई और चीन ने कल 6 नवंबर को दोपहर 3 बजे बंद कमरे में बैठक बुलाने का आह्वान किया।” इसके अलावा “मानवीय विराम” के लिए बुलाए गए कई प्रस्ताव पारित होने के लिए आवश्यक वोट प्राप्त करने में विफल रहे हैं।