Islam Dharm: इस्लाम धर्म में अलग-अलग प्रकार के नियमों का प्रयोग किया जाता है। उन्हीं में से एक नियम होता है पजामा ऊंचा पहनना, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे क्या कारण होता है। चलिए, आज आपको इस सवाल के जवाब से रूबरू करवाते हैं…
इस्लाम धर्म में व्यक्ति के नाभि से लेकर घुटनों को ढकने की बात कही गई है। किसी का यह भी कहना है कि मुस्लिम धर्म में पजामा ऊंचा इसलिए पहनते है कि वह गंदा न हो जाए, क्योंकि गंदा पजामा पहनकर नमाज पढ़ना मुस्लिम धर्म के खिलाफ माना जाता है। इसलिए ज्यादातर मुसलमान इस परेशानी से बचने के लिए छोटा पजामा सिलवाते हैं।
जिनका ईमान मुसलम होता है, वे ही सच्चे मुसलमान कहलाते
कुरान के मुताबिक, इस्लाम धर्म में अल्लाह की इबादत को महत्वपूर्ण माना जाता है। जिसका विश्वास इस्लाम धर्म में है, जो लोग अल्लाह को मानते हैं, जिनका ईमान मुसलम होता है, वे ही सच्चे मुसलमान कहलाते हैं।
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ऊंचा पजामा पहनने का कारण
इस्लाम धर्म में पुरुष के लिए ऊंचा पजामा पहनने का न कोई फर्ज है और न ही कोई रीति रिवाज, लेकिन इस्लाम में पैगंबर मोहम्मद के जीवन काल में ये बात मिलती है कि ऊंचा पजामा नहीं पहनना चाहिए। पैगंबर के उपदेशों में इसका जिक्र मिलता है।
इस्लाम धर्म में कपड़ों को लेकर कड़े नियम
इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों का परिधान (Dress) उनके शिक्षा के अनुरूप अपनाई जाती है। मुसलमान कई तरह के परिधान को पहनते हैं जो इनके धार्मिक विचार के अंतर्गत इन्हें इस्लाम से जोड़े रखते हैं।
मुस्लिम पोशाक की बात करें तो इस्लाम के शुरुआत से ही लंबे और फैले हुए कपड़ों को प्राथमिकता दी गई है। ढीले ढाले कपड़ों को प्राथमिकता देने का एक बड़ा कारण इस्लामिक शिक्षाएं हैं, जो यह तय करता है कि जिस्म के वो अंग, जो यौन प्रकृति के हैं, उन्हें पूर्ण रूप से छिपाया जाना चाहिए।