Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस साल यह व्रत मई माह का अंतिम चतुर्थी व्रत है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखकर भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है। साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। यह व्रत चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना पूरा नहीं हो सकता है। तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव के मुताबिक, एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और पाताल की भद्रा है। चलिए ऐसे में जानते हैं कि एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है? पूजा और चंद्र अर्घ्य का मुहूर्त क्या है?
किस दिन है एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 26 मई यानी आज रविवार को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर कृष्ण पक्ष की चतुर्थी की शुरूआत की जाएगी। यह तिथि 27 मई सोमवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगी। चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय का महत्व है। ज्येष्ठ संकष्टी चतुर्थी व्रत 26 मई रविवार को रखा जाएगा, क्योंकि चतुर्थी का चंद्रोदय उस दिन ही है, 27 मई को चंद्रोदय चतुर्थी तिथि के बाद पंचमी में हो रहा है।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 पूजा मुहूर्त
वहीं, अगर आप 26 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखते हैं तो गणेश जी की पूजा आ सूर्योदय के बाद कर सकते हैं क्योंकि 05:25 ए एम से लेकर 10:36 ए एम तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है। इसके अलावा उस समय साध्य योग भी बना होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो कार्य करते हैं, वह सफल सिद्ध होता है।
3 शुभ योग में है एकदंत संकष्टी चतुर्थी
बता दें, इस साल की एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह में साध्य योग बना है, जो 08:31 ए एम तक रहेगा। इसके बाद शुभ योग बन जाएगा। सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है।