राम मंदिर में अभी तक 10 दिनों में करीब 12 करोड़ का दान आ चुका है। ये दान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोंनो ही माध्यम से किया जा रहा है। भारत में लाखों मंदिर हैं लेकिन कुछ ऐसे भी मंदिर हैं, जहां पर करोड़ों का दान किया जाता है। आज हम आपके लिए लाएं हैं देश में सबसे बड़े मंदिरों की जानकारी जहां पर भक्त करते हैं दिल खोलकर दान।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ हैं। प्रतिदिन रामलला के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या आ रहें हैं। इतना ही नहीं रामलला के भक्त उनके लिए दिल खोलकर दान भी दे रहें हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक अभी तक 10 दिनों में करीब 12 करोड का दान आ चुका है। ये दान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोंनो ही माध्यम से किया जा रहा है।
प्राचीन काल से ही भारतीय सभ्यता धर्म और पुराणों की सभ्यता है। सनातन धर्म में मूर्ति पूजन को विशेष महत्व दिया गया है। अगर भारत में स्थित मंदिरों की बात की जाए तो भारत में छोटे-बड़े मंदिर मिलाकर लगभग 20 लाख मंदिर हैं। लेकिन भारत के कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। भारत में स्थित कई मंदिर ऐसे हैं, जहां प्रत्येक वर्ष लाखों भक्त भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। इतना ही नहीं दिल खोलकर दान भी देते हैं।
पद्मनाभ स्वामी मंदिर
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की सोने से बनी मूर्ति की अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये है। माना जाता है कि मंदिर की 6 तिजोरियों में 20 अरब डॉलर की कुल संपत्ति है। मंदिर के खजाने में सोने की मूर्तियाँ, हीरे, सोना, चांदी, पन्ना, प्राचीन चाँदी, सोने के सिक्के आदि शामिल हैं। तहखानों में मिले खजाने के अनुसार अनुमान लगाया जा सकता है कि इनकी कुल राशि 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो सकती है।
पद्मनाभ स्वामी मंदिर में लगभग 150,000 लड्डू रोज बनाए जाते हैं। जानकारी के मुताबिक यहां सालाना 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का चढ़ावा आता है। मंदिर ट्रस्ट के आंकड़ो के अनुसार साल 2023 में मंदिर की कुल संपत्ति 1,20,000 करोड़ रुपए बताई गई थी।
तिरुपति बालाजी मंदिर
भारत के आंध्रप्रदेश के तिरूपति जिले के पहाड़ी राज्य तिरूमाला में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के दूसरे मंदिरों की सूची में शामिल है। तिरूपति मंदिर में भक्त दिल खोलकर दान करते है, इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष 650 करोड़ का चढ़ावा आता है। तिरुपति बालाजी मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर का करीब 5,300 करोड़ रुपये का 10.3 टन सोना और 15,938 करोड़ रुपये कैश बैंकों में जमा हैं। इस तरह इस मंदिर की कुल संपत्ति 2.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बताई गई है ।
तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। इस मंदिर को तिरुमाला मंदिर, तिरुपती मंदिर और तिरूपति बालाजी मंदिर जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। वेंकटेश्वर को कई अन्य नामों से जाना जाता है जैसै बालाजी, गोविंदा और श्रीनिवास। मंदिर तिरुमला तिरुपती देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा चलाया जाता है, जो आंध्र प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है।
साई बाबा मंदिर
महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित साईं बाबा मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों की लीस्ट में तीसरे स्थान पर है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु साईं बाबा के दर्शन के लिए आते हैं, और लाखों का दान अर्पण करते हैं। साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर के बैंक खाते में 380 किलो सोना, 4,428 किलो चांदी और डॉलर और पाउंड जैसी विदेशी मुद्राओं के रूप में बड़ी मात्रा में धन के साथ-साथ लगभग 1,800 करोड़ रुपये जमा हैं। सालभर में देश विदेशों से लगभग 400 करोड़ो का चढ़ावा साईं मंदिर को अर्पित किया जाता है। सभी भक्त अपनी मुराद पूरी होने पर रुपये, सोना, चांदी झोली भरकर अर्पित करते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर
भारत के राज्य जम्मु-कश्मीर के जम्मु क्षेत्र कटरा में स्थित विश्न प्रसिद्ध शक्ति पीठ माता वैष्णों देवी मंदिर की गिनती भारत के सबसे अमीर मंदिरों में होती है। प्राचीन मंदिर की सर्वाधिक मान्यता होने के कारण देश-विदेशों से दर्शन के लिए आते हैं। माता के भक्त मुराद पूरी होने पर लाखों करोड़ो का चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुताबिक साल 2000 से 2020 तक, बीस वर्षों में माता के दरबार में 1800 किलो सोना, 4700 किलो चांदी और 2000 करोड़ रुपए कैश के रूप में आए। इस आंकड़े को देखें तो पता लगता है कि करीबन 90 किलो सोना और 100 करोड़ रुपये प्रत्येक वर्ष दान मिला।
सिद्धिविनायक मंदिर
भगवान गणेश को समर्पित मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर भारत के प्रसिद्ध और अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर में भगवान गणेश के पूजन के लिए लाखों की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है। सेलेब्रिटी से लेकर आम जनता मंदिर में माथा टेकने के लिए जाते हैं और मन्नत पूरी होने पर श्रद्धानुसार चढ़ावा अर्पित करते हैं। जानकारी के मुताबिक इस मंदिर को 3.7 किलोग्राम सोने से कोट किया गया है। मंदिर को दान और चढ़ावे से सालाना करीब 125 करोड़ रुपये की आय होती है। यह मंदिर हर साल 100 मिलियन से 150 मिलियन धनराशि दान के रूप में प्राप्त करता है। इस मंदिर की देखरेख करने वाली संस्था मुंबई की सबसे अमीर ट्रस्ट है। इस भक्त द्वारा चढ़ाए गए दान के बाद मंदिर की आय में अच्छा खासा इजाफा हुआ है।