Patanjali Misleading Ad Case: भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरू रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने बुधवार को अखबारों में एक नया माफीनामा जारी किया है। पतंजलि ने अखबारों में एक नया विज्ञापन जारी किया है। अखबारों में दिए गए माफीनामे में लिखा है कि ‘भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चल रहे एक मामले के मद्देनजर हम अपनी व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ कंपनी की ओर से माननीय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।’
आपको बता दें कि एक दिन पहले 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या ये उतने ही साइज का माफीनामा है, जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं? क्या आप हमेशा इतने साइज का ही विज्ञापन देते हैं?
नए माफीनामें में क्या लिखा है?
पतंजलि ने ‘बिना शर्त सार्वजनिक माफी’ के नाम से अखबारों में बड़े आकार में माफीनामा छपवाया है। इसमें लिखा है कि ‘भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण के संदर्भ में माननीय सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशों/ आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए हम व्यक्तिगत रूप से, साथ ही कंपनी की ओर से बिना शर्त क्षमायाची हैं। हम विगत 22.11.2023 को बैठक/ संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के लिए भी क्षमाप्रार्थी हैं। हम अपने विज्ञापनों के प्रकाशन में हुई गलती के लिए भी ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं और पूरे मन से प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं कि ऐसी त्रुटियों की पुनरावृति नहीं होगी। हम पूरी सावधानी और अत्यंत निष्ठा के साथ माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम न्यायालय की महिमा का सम्मान बनाए रखने और लागू कानूनों एवं माननीय न्यायालय/ संबंधित अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं।