पंजाब में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आम आदमी पार्टी को झटका लगा है। आम आदमी पार्टी से सांसद सुशील कुमार रिंकू ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
अगस्त में सुशील कुमार रिंकू को राज्यसभा से किया था निलंबित
पिछले साल अगस्त में सुशील कुमार रिंकू के साथ उनके सहयोगी सांसद संजय सिंह और राघव चढ्डा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद सुशील कुमार रिंकू ने संसद में खुद को जंजीरों में जकड़कर विरोध प्रदर्शन किया था और साथ ही संसद में घूमते हुए देश के लोकतंत्र को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करो के नारे लगाते हुए सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। सुशील कुमार रिंकू ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए और लोगों से अपील करते हुए कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी को सत्ता से उखाड़ फेंकना है।
आश्चर्य की बात यह है कि सुशील कुमार रिंकू के इन सभी बयान को एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। इससे पहले ही सुशील कुमार रिंकू ने भाजपा पार्टी जॉइन कर ली है। लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को बड़ा झटका लगा है।
रिंकू ने नगर निगम में पार्षद के रुप में राजनीतिक करियर की शुरुआत
सबसे पहले सुशील कुमार रिंकू नगर निगम में एक पार्षद थे और वह 2017 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहली बार विधायक बने थे। लेकिन, इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में आप उम्मीदवार शीतल अंगुराल से हार का सामना करना पड़ा था।
इसके कुछ दिन बाद ही सुशील कुमार रिंकू ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की उपस्थित में आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। इसके बाद आप ने सुशील कुमार रिंकू को उपचुनाव में जालंधर की लोकसभी सीट से मैदान में उतारा था। उनके सामने कांग्रेस की उम्मीदवार करमजीत कौर को मैदान में उतारा गया था।
सुशील कुमार रिंकू ने कांग्रेस उम्मीदवार को 58,691 वोटों से हरा दिया था। इससे पहले कई बार ऐसे अनुमान लगाए गए थे कि सुशील कुमार रिंकू भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सुशील कुमार रिंकू से आप ने जिन वादों को पूरा करने की बात कही थी, वह उनको पूरा नहीं कर पाई थी। इसी वजह से सुशील कुमार रिंकू आप से नाराज दिख रहे थे।