उत्तर प्रदेश में ओबीसी सर्वे पूरा हो गया है, इस साल अप्रैल या मई में नगर निकाय चुनाव हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश के लोगों का लंबा इंतजार खत्म हो गया है उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग सर्वे का काम पूरा हो चुका है आयोग ने सरकार को इसकी रिपोर्ट भी सौंप दी है. कैबिनेट की बैठक में शुक्रवार को इस पर अंतिम फैसला हो जायेगा. प्रदेश सरकार की ओर से निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण निर्धारण के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था जिसने अपनी सर्वे की रिपोर्ट आज सौंप दी है. इस आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर न्यायमूर्ति राम औतार सिंह बने थे. सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आयोग को सर्वे के लिए 31 मार्च 2023 तक का समय दिया था लेकिन आयोग ने ये रिपोर्ट तय सीमा से करीब 22 दिन पहले ही सरकार को सौंप दी.
नगर निकाय चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी भी नये सिरे से शुरू हो गई है. मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए 11 से 17 मार्च तक आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. सूत्रों के अनुसार आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों के आरक्षण में बड़ा उलट-फेर होगा. कई अनारक्षित सीटें ओबीसी के खाते में जा सकती है. यूपी में कई राजनेताओं को इससे बड़ी राहत मिलेगी उनके मेयर, चेयरमैन बनने के सपने, इस रिपोर्ट के आने के बाद जल्दी ही पूरे हो सकेंगे, प्रदेश की जनता को भी जल्दी ही उनका मेयर, चेयरमैन मिल जायेगा जिससे जनता को भी बहुत फायदा होगा.