Lok Sabha Election 2024: आज लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी फेज के लिए वोटिंग हो रही है। कई दिग्गज मैदान में है। पीएम मोदी भी वाराणसी से उम्मीदवार हैं। दो बार से पीएम मोदी यहां से एकतरफा चुनाव जीत रहे हैं। अभी तक 6 फेज की वोटिंग हो चुकी है। छठे फेज तक 485 सीटों पर मतदान हो चुका है। सातवें चरण की चर्चित सीटें-
1) वाराणसी– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार यहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है (ये 2009 से लगातार बनारस से हार रहे है), वहीं बसपा ने अतहर जमाल लारी को अपना चेहरा बनाया है। 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने सपा की शालिनी यादव को 4,79,505 मतों से बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। 2014 में मोदी ने अरविंद केजरीवाल को 371,784 वोट से हराया था, 2009 में मुरली मनोहर जोशी करीब 17 हजार वोट से ही मुख्तार अंसारी से जीत पाए थे, जबकि 2004 मे ये सीट कांग्रेस में रहे राजेश मिश्रा ने जीती थी। Election 2024 में बीजेपी का टार्गेट यहाँ से मोदी को 10 लाख से जिताना है।
2) मंडी– BJP ने कंगना रनोट को टिकट दिया है, उनका मुकाबला राज्य के 6 बार के सीएम रहे वीरभद्र सिंह और मंडी संसदीय सीट से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मौजूदा विधायक हैं। विक्रमादित्य, सुक्खू कैबिनेट में मंत्री भी हैं। कंगना विवादों की क्वीन हैं, लेकिन उनके पक्ष में उनका बॉलीवुड स्टारडम, राजपूत-ब्राह्मण और भाजपा को मिलने वाले वोट भी जा सकते हैं।2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के राम स्वरुप शर्मा जीते थे। 2019 में मंडी में 73.6% लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया था। 2021 में मंडी सांसद रामस्वरूप शर्मा का निधन हो गया। इसके बाद मंडी सीट पर उप-चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह सांसद चुनी गईं।
3) गाजीपुर– SP केअफजाल अंसारी का मुकाबला पारसनाथ से नहीं बल्कि सीधा BJP से है, क्योंकि पारस नाथ राय राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी नहीं हैं, इसलिए यहां प्रचार करने कई राज्यों के सीएम समेत पीएम मोदी खुद पहुंचे थे। इस सीट पर बसपा से डॉ. उमेश कुमार चुनावी ताल ठोक रहे हैं। वहीं बात अगर अफजाल की करें तो मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर की सियासत में बदलाव आया है। मुख्तार की मौत की सहानुभूति वोट के तौर पर अफजाल अंसारी को मिल सकती है। 2019 में bsp की तरफ से अफ़ज़ाल अंसारी ने मनोज सिन्हा को हराया था।
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4) गोरखपुर– गोरखपुर सीट पर दो एक्टर आमने सामने हैं। रवि किशन यहां दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं तो काजल भी पहली बार लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरी हैं। काजल ने अपना पॉलिटिकल करियर कांग्रेस के साथ 2012 में शुरू किया था। इसके बाद वे सपा के टिकट पर विधानसभा और मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन दोनों ही चुनावों में उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। 2019 में रविकिशन बीजेपी से जीते थे, इससे पहले योगी आदित्यनाथ यहाँ से लगातार 5 बात (1998-2014) तक जीते थे, योगी से पहले उनके गुरु महंत अवैधनाथ यहाँ से लगातार 3 बार जीते थे, योगी के cm बनने के बाद 2018 मे जब उपचुनाव हुए थे तब बीजेपी को sp के प्रवीन निषाद ने हराया था।