Lok Sabha Election 2024: चुनाव नतीजे आए नहीं हैं कि प्रधानमंत्री पद को लेकर बयान आने शुरू हो गए हैं। एनडीए जीता तो नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय है। वहीं, अब कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी का प्रधानमंत्री के लिए नाम उछाल दिया गया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के दिग्गज नेता और रायबरेली में कांग्रेस के प्रभारी भूपेश बघेल आजकल राहुल गांधी के लिए रायबरेली में घूम-घूम कर नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। एक गांव में उन्होंने लोगों को इंदिरा गांधी की याद दिलाई और कहा कि राहुल के लिए आपको सिर्फ एक सांसद नहीं बल्कि प्रधानमंत्री के तौर पर वोटिंग करनी है।
रायबरेली में पांचवें चरण के लिए वोटिंग होनी हैं। उसके बाद चुनाव के दो चरण और बचेंगे। सातों चरणों की वोटिंग के बाद 4 जून को नतीजे आएंगे। इसके बाद कौन बनेगा प्रधानमंत्री- ये तय होगा। विपक्ष के इंडिया गठबंधन में कांग्रेस बेशक सबसे बड़ी पार्टी है औऱ राहुल गांधी इसके बड़े नेता हैं, लेकिन अभी प्रधानमंत्री पद के लिए उनके नाम की चर्चा दूर की कौड़ी है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी की पार्टी यूपी में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है, लेकिन अभी समाजवादी पार्टी की ही इस मुद्दे पर स्पष्ट राय नहीं है।
चुनाव के बीचोंबीच राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी उसी कहावत की तरह है, जिसमें कहा जाता है सूत न कपास जुलाहों में लट्ठमलट्ठा। देश में लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं। अगर इंडिया गठबंधन चुनाव में बहुत अच्छा प्रदर्शन करता है तो प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी ही नहीं बल्कि कई दावेदार हो जाएंगे। अभी तो सब कुछ 4 जून को आने वाले नतीजों पर निर्भर है। अगर नतीजे इंडिया गठबंधन के पक्ष में आते हैं तो शरद पवार, उद्ध ठाकरे, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल कौन क्या दावा करेगा, ये अभी कहना थोड़ा मुश्किल है।
वैसे महाराष्ट्र की राजनीति के धुरंधर और चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार पहले ही छोटे दलों को कांग्रेस में विलय करने की सलाह दे चुके हैं। लोग अभी पवार की शतरंजी चाल समझ ही रहे थे कि अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी INDIA गठबंधन में मोलभाव की कोशिश शुरू कर दी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में इंडिया ब्लॉक की सरकार बनती है तो उनकी पार्टी इस सरकार को बाहर से अपना समर्थन देगी।
कुछ दिन पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में INDIA ब्लॉक से कोई गठबंधन नहीं है। अब ममता बनर्जी कह रही हैं कि उन्होंने विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, यहां तक कि गठबंधन का नाम भी उन्होंने ही दिया था, लेकिन यहां पश्चिम बंगाल में, CPI (M) और कांग्रेस सभी BJP के लिए काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीट बंटवारा नहीं हो पाया था। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस अभी भी INDIA ब्लॉक का हिस्सा है जबकि टीएमसी बंगाल में अकेले चुनाव लड़ रही है। वहीं, राज्य में कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच गठबंधन है। इसलिए बंगाल में मुकाबला त्रिकोणीय है।
उत्तर प्रदेश में अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ रहे राहुल गांधी को लेकर भूपेश बघेल और उनके समर्थकों के नारों इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। भूपेश बघेल ने ज्यादा जोश में आकर राहुल को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बता दिया। हालांकि ये सच है कि रायबरेली संसदीय क्षेत्र का प्रधानमंत्री चुनने का लंबा इतिहास रहा है। रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रहा है। आजादी के बाद 1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए तो रायबरेली से इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी चुनाव लड़े और जीतकर सांसद बने थे, उसके बाद से इंदिरा गांधी ने अपनी कर्मभूमि बनाई। आइए आपको बताते हैं रायबरेली में गांधी परिवार कब-कब जीते
1952- फिरोज गांधी
1967 – इंदिरा गांधी
1971 – इंदिरा गांधी
1980- इंदिरा गांधी
2004 – सोनिया गांधी
2009- सोनिया गांधी
2014- सोनिया गांधी
2019- सोनिया गांधी
रायबरेली से सिर्फ जनता लहर में 1977 में इंदिरा गांधी हारी थी, लेकिन उसके 3 साल 1980 में इंदिरा गांधी इस सीट से फिर जीत गई थीं। 20 साल तक रायबरेली के सांसद का जिम्मा सोनिया गांधी ने संभाला। रायबरेली वो लोकसभा सीट है, जहां 72 साल के सियासी इतिहास में 66 साल कांग्रेस के सांसद रहे हैं। अब तक हुए 20 चुनाव में 17 बार कांग्रेस को जीत मिली है। 72 साल में गांधी परिवार से चार लोग सांसद का चुनाव लड़े। 20 साल तक रायबरेली सीट का प्रतिनिधित्व सोनिया गांधी ने किया।
अब इस रायबरेली सीट का जिम्मा राहुल गांधी को सौंप दिया है। वहीं, बीजेपी की तरफ से यूपी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह मुकाबले में है।