लोकसभा चुनाव का आगाज़ यूं तो श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा से ही भाजपा ने अनऔपचारिक शुरुआत कर दी है। प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे ही दिन मोदी सरकार ने बिहार के दिवंगत नेता, जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न का सम्मान देकर एक नया पाशा फेंक दिया है। अब विपक्ष पशोपेश में है कि सराकर का धन्यवाद करे या लोकसभा चुनाव के लिए नया मुद्दा ढूँढे। मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के सहारे भाजपा लगातार तीसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रही है। पीएम लोकसभा चुनाव कैंपेन की शुरुआत अपने लोकसभा क्षेत्र काशी यानी बनारस से नहीं बल्कि पश्चिम यूपी के बुलंदशहर से करने वाले हैं।
सूत्रों की मानें तो पीएम 25 को बुलंदशहर से चुनावी अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। अयोध्या मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के ठीक बाद यह रैली लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बहुत मायने रखती है। ऐसे में भाजपा को पश्चिम यूपी में विशाल जनसमूह के पहुंचने की उम्मीद है। भाजपा ने दावा किया है कि करीब पांच लाख लोग इस रैली में शामिल होने की बात कही जा रही है। प्रधानमंत्री गुरुवार को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और कई हाईवे का शिलान्यास, लोकार्पण के साथ जनसभा को संबोधित करेंगे. उनके आगमन की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सीएम योगी आज बुलंदशहर में रहेंगे। बुलंदशहर में चोला रोड पर एक बड़े मैदान में जनसभा आयोजित की गई है।
लोकसभा चुनाव की पहली रैली मोदी अपने क्षेत्र वाराणसी को छोड़कर बुलंदशहर से क्यों कर रहे हैं। क्या वजह हो सकती है। अटकलों की मानें तो 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 80 में से 71 सीटें जीती थीं। 2019 के चुनाव में भगवा दल को 62 सीटों पर जीत मिली थी। सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने दो सीटें जीती थीं। पश्चिम यूपी की 14 में से 8 सीटें बीजेपी के पास हैं। सूत्रों के मुताबिक, 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री यूपी की सभी सीटें जीतने के मिशन पर हैं।
बीजेपी के कई नेताओं का मानना है कि बुलंदशहर नरेंद्र मोदी के लिए लकी है क्योंकि पीएम ने 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए भी प्रचार की शुरुआत इसी शहर से की थी।
बीजेपी का चुनाव प्रचार शुरू हो रहा है लेकिन I.N.D.I.A अलायंस में खींचतान मची है। आज ही ममता बनर्जी ने बंगाल में और आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य में सीटों के बंटवारे के लिए कांग्रेस के साथ और चर्चा की जरूरत है। यादव ने लखनऊ में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की है और उन सीटों पर फोकस किया है जहां पार्टी के जीतने की संभावना है। पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि पार्टी यह सुनिश्चित कर ले कि नई वोटर लिस्ट में समर्थकों का रजिस्ट्रेशन हो जाए।