सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये राजनीतिक पार्टियों समेत कॉरपोरेट और अधिकारियों के बीच कथित लेनदेन पर सवाल खड़े किए हैं। सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए प्रशांत भूषण ने इसकी जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की है। दरअसल बीती 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को गैर संवैधानिक बताया था। कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लेनदार के साथ ही देनदारों की लिस्ट जारी करने की बात कही थी। इसके बाद यह लिस्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पब्लिक डोमेन पर जारी की जा चुकी है।
घाटे में चल रही कंपनियों ने कैसे दिया भारी भरकम चंदा
प्रशांत भूषण ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े मामले में सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि घाटे में चल रही कंपनियों ने कैसे दिया भारी भरकम चंदा राजनीतिक पार्टियों को दिया। इसकी जांच एसआईटी से करानी चाहिए। भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इसकी गहन जांच करानी चाहिए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और हकीकत देश की जनता के सामने आ सके।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई है रोक
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर भ्रामकता के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगी दी थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट की ओर से एसबीआई को नया बॉन्ड जारी करने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया था। दरअसल पहले एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को पूरा डेटा उपलब्ध नहीं कराया था। इसके बाद कोर्ट ने फटकार लगाते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा कि वे यूनिक नंबर आईडी के साथ पूरा डेटा चुनाव आयोग को उपलब्ध कराए। साथ ही चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे इस डेटा को अपनी साइट पर पब्लिक के लिए अपलोड करे।