Giorgia Meloni: 27 देशों के यूरोपियन यूनियन यानी EU के चुनाव में इस बार बड़ा बदलाव देखा गया है। इस बार के इलेक्शन में कई देशों की दक्षिणपंथी पार्टियों ने जीत दर्ज की है। इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ईयू चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है।
चुनाव जीतने के बाद क्या बोलीं मेलोनी?
चुनावी नतीजों के बाद मेलोनी न सिर्फ इटली की बल्कि यूरोप की मजबूत नेता के तौर पर उभर कर सामने आई हैं। अपनी शानदार जीत के बाद उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे काफी अच्छे हैं। ये राजनीति के दृष्टिकोण से काफी महत्तपूर्ण है। ईयू चुनाव के नतीजों की मानें तो, 27 सदस्यों के ईयू चुनाव में इस बार मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली का बोलबाला रहा। इस चुनाव में 720 सदस्यों को चुनने के लिए हुई वोटिंग में 99 फीसदी मतों की गिनती के बाद मेलोनी की पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने 28.81 फीसदी वोट हासिल किए हैं।
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नतीजों पर फक्र है- मेलोनी
इटली की पीएम मेलोनी ने ईयू संसदीय चुनाव को अपने नेतृत्व के जनमत संग्रह के तौर पर पेश किया। उन्होंने वोटर्स से वोट करते समय बैलेट पेपर पर जॉर्जिया लिखने की भी मांग की थी। चुनावी नतीजे सामने आने के बाद मेलोनी ने कहा, “उन्हें इन नतीजों पर फक्र है। उन्होंने कहा कि मुझे फक्र है कि इटली यूरोप में सबसे मजबूत सरकार के तौर पर खुद को पेश करने जा रहा है।
ईयू चुनाव में मेलोनी की पार्टी को मिली बड़ी जीत से ब्रसेल्स (ईयू हेडक्वार्टर) में उनका प्रभाव बढ़ेगा। ईयू की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के अगले कार्यकाल पर फैसले में भी मेलोनी की बड़ी भूमिका होगी। इसके साथ ही ईयू से जुड़े सभी छोटे-बड़े फैसलों में भी मेलोनी का दखल देखने को मिलेगा।
क्या है EU संसदीय चुनाव?
यूरोपीय संसद दरअसल यूरोपीय लोगों और यूरोपीय संघ (Giorgia Meloni) की संस्थाओं के बीच संपर्क स्थापित करने की सीधी कड़ी है। यह दुनिया की अकेली सीधी चुनी हुई इंटरनेशनल सभा है। इसमें संसद के सदस्य यूरोपीय संघ के नागरिकों के हितों की बात करते हैं। मेंबर ऑफ यूरोपियन यूनियन (एमईपी) सदस्य देशों की सरकारों के साथ मिलकर नए-नए कानून बनाते हैं। वे ग्लोबल मुद्दों पर फैसला लेते हैं, जैसे क्लाइमेट चेंज और रिफ्यूजी पॉलिसी। वे ईयू का बजट तय करते हैं।