Lucknow: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चका है. राजनीतिक पार्टियां लगातार अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी ने भी अब तक यूपी में अपने 63 प्रत्याशी घोषित किए हैं. इनमें 12 पूर्व उम्मीदवारों के टिकट काट दिए हैं. जबकि 51 पुराने उम्मीदवार फिर से मैदान में हैं. जिससे साफ है कि भाजपा का ज्यादा भरोसा अनुभव पर है. लेकिन ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बुजुर्ग नेताओं से भाजपा फिर से जीत का सफर तय कर पाएगी?.
दरअसल, लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट 3 मार्च को जारी की थी. दूसरी लिस्ट 24 मार्च को जारी की थी. पहली बार में भारतीय जनता पार्टी ने 51 टिकट घोषित किए थे. लेकिन फिर दूसरी बार में 13 टिकट भी लिए.
इन नेताओं पर फिर जताया भरोसा
भारतीय जनता पार्टी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, साक्षी महाराज, जगदंबिका पाल, राजवीर सिंह राजू भैया, हेमा मालिनी, संजीव बालियान, अजय मिश्रा टेनी, लल्लू सिंह, कौशल किशोर जैसे नेताओं पर फिर से भरोसा जताया है. इनमें से कई लोग बुजुर्ग श्रेणी में आ चुके हैं. कहा ऐसा भी जाता है कि कई लोग 2029 तक राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं.
इन नेताओं की छुट्टी
वहीं, इस बार के लोकसभा चुनाव से बीजेपी को कानपुर से सत्यदेव पचौरी, गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह, बरेली से संजीव गंगवार, मेरठ से राजेंद्र अग्रवाल, पीलीभीत से वरुण गांधी के साथ ही कई नेताओं से निजात मिला है. मतलब कि इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया.
जातिगत समीकरण का रखा ध्यान
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 63 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है. अगर इस लिस्ट में जातिगत समीकरण को समझे तो सामान्य वर्ग को कुल 25 सीट दी गई हैं. इनमें ब्राह्मण- 12, ठाकुर- 8, बनिया- 3 और अन्य- 2 सीट पा सके हैं. OBC को कुल 25 सीट पर टिकट दिया गया है. इनमें कुर्मी-4, निषाद/कश्यप-3, लोधी-4, कुशवाहा/सैनी-2, जाट-3, गुर्जर-2, यादव-1, अन्य-1 सीट पा सके हैं. इसके बाद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार हैं, जिन्हें 12 सीटें दी गई है.