Unknown Gunmen: पाकिस्तान की गलियों से भारत का एक और दुश्मन ‘जन्नत’ पहुंच चुका है। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह के हत्यारे आमिर सरफराज तांबा की लाहौर में हत्या कर दी गई। हत्या का पैटर्न वही था जो पिछले कुछ महीनों में भारत के दुश्मनों को मौत के घाट उतारने में देखा गया है। इस बार भी हमला करने वाले अज्ञात बंदूकधारी थे जिन्होंने मामले को अंजाम दिया। इन अज्ञात बंदूकधारियों ने बाइक पर सवार होकर 14 अप्रैल को तांबा के जीवन का अंत कर दिया।
ये घटनाएं किसी स्पाई यूनिवर्स या जेम्स बॉन्ड पर बनी फिल्मों की याद दिलाती हैं। लेकिन ये कोई जासूसी एक्शन मूवी की स्क्रिप्ट नहीं है बल्कि असली घटनाएं हैं। इन घटनाओं के अज्ञात बंदूकधारियों (Unknown Gunmen) के पैटर्न ने चौंकाने का काम किया है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर अलग कहानी चलती है। मानों भारत के जांबाज दुनिया के कोनों में देश के दुश्मनों को चुन-चुनकर खत्म कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि अधिकतर मामलों में मरने वाले वो थे जिनको खुद भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया था। आइए ऐसे टॉप-10 कट्टर भारतीय दुश्मनों की बात करें तो जो पिछले सालों में मौत की नींद सुला दिए गए।
1. मिस्त्री जाहूर इब्राहिम:
इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 के हाईजैकर्स में से एक मिस्त्री जाहूर इब्राहिम को पाकिस्तान के कराची में बाइक सवार हमलावरों ने साल 2022 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। 24 दिसंबर 1999 को मिस्त्री जाहूर इब्राहिम उन पांच हाईजैकर्स में शामिल था जिन्होंने IC 814 को अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे।
2. बशीर अहमद पीर:
हिज्ब-उल-मुजाहिदीन आतंकी संगठन का कमांडर बशीर अहमद पीर जम्मू और कश्मीर में हथियारबंद आतंकवादियों की भर्ती और घुसपैठ के लिए जिम्मेदार था। उसे 2023 की शुरुआत में रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर अज्ञात हमलावरों ने उसे मार डाला था।
3. सैयद खालिद रजा:
पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन अल-बद्र के कमांडर सैयद खालिद रजा को 2023 फरवरी में कराची में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी।
4. परमजीत सिंह पंजवार:
भारत द्वारा घोषित आतंकी और खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार को साल 2023 मई में पाकिस्तान के लाहौर में दो Unknown Gunmen ने गोली मार दी थी। परमजीत सिंह पंजवार सिख विद्रोह को फिर से खड़ा करने में शामिल था। उस पर हत्या, अपहरण और ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के मामलों में वांछित था
5. हरदीप सिंह निज्जर:
हरदीप सिंह निज्जर को भारत सरकार ने 2020 में आतंकी घोषित किया था। कनाडा के Surrey में जून 2023 में दो अज्ञात हमलावरों ने एक गुरुद्वारे के बाहर उसे गोली मार दी थी। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक निज्जर प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के लिए लोगों की भर्ती और ट्रेनिंग में सक्रिय रूप से शामिल था। वह अलगाववादी संगठन ‘सिख फोर जस्टिस’ (SFJ) का भी हिस्सा था।
6. रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम POK में मारा गया:
ये लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का टॉप कमांडर था। ये जनवरी 2023 के ढांगरी आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। इस हमले में राजौरी के ढांगरी गांव में 1 जनवरी को हुए हमले में सात लोग मारे गए थे और 14 अन्य घायल हो गए थे। रियाज को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट में 1 सितंबर 2023 को अल-अक्सा मस्जिद के अंदर गोली मार दी गई थी।
7. लाल मोहम्मद: काठमांडू में मारा गया
आईएसआई के एजेंट लाल मोहम्मद (55) उर्फ मोहम्मद दर्जी की 19 सितंबर को नेपाल के काठमांडू में उसके ठिकाने के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, लाल मोहम्मद भारत में आईएसआई के नकली नोटों की बड़ी मात्रा में सप्लाई करता था।
8. शाहिद लतीफ
शाहिद लतीफ जैश ए मोहम्मद आतंकी ग्रुप का सदस्य था। वो पठानकोट में इंडियन एयरफोर्स पर 2016 में हुए हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में भारतीय वायुसेना के सात जवान शहीद हो गए थे। साल 2023 अक्टूबर में उसको सियालकोट में जिले के दस्का कस्बे में एक मस्जिद में अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया। जबकि पाकिस्तान एक ऐसी जगह है जो ऐसे आतंकियों के लिए सबसे मुफीद और सुरक्षित मानी जाती है।
9. मौलाना रहीमुल्लाह तारिक:
तारिक कराची में कथित धार्मिक नेता था जो बहुत जोर-शोर से भारत के विरुद्ध प्रचार करता था। उसकी कराची के ओरंगी टाउन इलाके में 13 नवंबर 2023 को अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया गया। ये जैश का करीबी था। जब तारिक को मारा गया तब भी वो धार्मिक सभा में शामिल होने जा रहा था।
10. अकरम खान:
अकरम खान उर्फ अकरम गाजी लश्कर ए-तैयबा का पूर्व कमांडर था। यह भी भारत के खिलाफ जहर उगलता था। उसने 2018 से 2020 तक लश्कर में अपनी काफी सक्रियता दिखाई और युवाओं को भर्ती किया। लंबे से आतंकी गतिविधियों में शामिल लश्कर का ये टॉप कमांडर भी अज्ञात हमलावरों की गोलियों का शिकार हो गया। रहीमुल्लाह तारिक की मौत से कुछ दिन पहले ही इसकी भी उसी पैटर्न के तहत हत्या हो गई।
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