श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

श्रीलंका भारत को वापस नहीं लौटाएगा कच्चातिवु द्वीप, मंत्री ने दिया ये बयान


कच्चातिवु द्वीप को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा हैँ। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री ने इस द्वीप को लेकर कांग्रेस पर कई तरह की आरोप लगाए थे। अब इस मामले में श्रीलंका के मंत्री का बयान आया है। श्रीलंका के मंत्री डगलस देवानंद ने कहा है कि कच्चातिवु द्वीप को हमारे देश से वापस लेने का कोई आधार नहीं है। श्रीलंका के मंत्री ने इस मामले में बोलते हुए कहा कि भारत में चुनाव का समय है इसीलिए इस मुद्दे पर बयानबाजी हो रही है। उनका ये बयान ऐसे समय में आया है पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर की ओर से कच्चातिपु द्वीप को मुद्दा बयान गया था और कांग्रेस औ डीएमके पर निशाना साधा गया था।

विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर लगाए थे ये आरोप

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रेस कांफ्रेंस करके कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने इतिहास के कई पन्ने पलटते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निशान साधा था। उन्होंने कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उसे वक्त कच्चातिवु पर अधिक महत्व नहीं दिया था। नेहरू को इसकी कोई चिंता नहीं थी, उन्होंने इसे खास तवज्जो नहीं दी थी। वह चाहते थे जितना जल्दी हो सके इससे छुटकारा मिल जाए। श्रीलंका को कच्चातिवु दिए जाने के एक साल पहले तक चर्चा हो रही थी। विदेश मंत्री ने सोमवार को कच्चातिवु द्वीप को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच साल 1974 में हुए समझौते और उसके प्रभावों पर बात की थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा था कि साल 1974 में भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ था। जहां दोनों देशों की समुद्री सीमाएं तय कर दी गई थी। इस समुद्री सीमा को तय करने में कच्चातिवु श्रीलंका के हिस्से में चला गया। इस समझौते के तहत यह हो गया कि भारत के मछुआरे श्रीलंका की सीमा में प्रवेश नहीं करेंगे। कांग्रेस पार्टी पर निशाना चाहते हुए जयशंकर ने कहा था कि आज लोगों को यह जानना और समझना जरूरी है कि इस मामले को इतने लंबे समय तक लोगों के सामने छुपा कर क्यों रखा गया। हमें पता है यह किसने किया, लेकिन हमें यह नहीं पता इसे किसने छुपाया ? हमारा मानना है कि लोगों को इस मुद्दे की वास्तविकता को जानने का पूरा हक है।

विदेश मंत्री ने डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा था कि डीएमके के दोहरे मापदंड को पूरी तरीके से हमने बेनकाब किया है। यह दशकों पुराना मुद्दा है। मैंने इसका करीब 21 बार जवाब दिया है। इस मामले पर डीएमके ने इस तरह बर्ताव किया है जैसे इसमें उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।

बोलते हुए विदेश मंत्री ने भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में कहा था कि उन्होंने इसे अधिक महत्व नहीं दिया था। जयशंकर ने कहा कि बीते पिछले 20 सालों में श्रीलंका ने 6184 भारतीय मच्छरों को डिटेन किया और 1175 भारतीय मछुआरों की नौकाओं को जब्त किया। पिछले 5 सालों में अलग-अलग पार्टियों ने इस मुद्दे को संसद में उठाया है। मैंने तमिलनाडु के मौजूदा मुख्यमंत्री को 21 बार इस मुद्दे पर जवाब दिया है।

आपको जानकारी दे दें साल 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री मांगो भंडार नायकी के बीच इस द्वीप को लेकर समझौता हुआ था 26 जून से लेकर 28 जून 1974 को दोनों देशों के बीच बातचीत हुई यह बातचीत कोलंबो और दिल्ली दोनों में हुई। बातचीत के बाद कुछ शर्तों पर शांति बनी और द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया। इसमें एक शर्त ये भी थी कि भारतीय मछुआरे जाल सूखने के लिए स्थित का इस्तेमाल करेंगे। साथ ही द्वीप पर बने चर्च पर जाने के लिए भारतीयों को बिना वीजा इजाजत होगी। लेकिन यह शर्त भी थी कि भारतीय मछुआरों को इस इलाके में मछली पकड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Bihar
Bihar: नवादा में दबंगों ने मचाया कोहराम, फायरिंग के बाद दलितों के 80 घर जलाए
Helicopter Service In Ayodhya
राम दर्शन के लिए काशी से अयोध्या के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू, जानें किराया
Abdu Rozik
Bigg Boss 16 फेम अब्दू रोजिक का टूटा रिश्ता, जानिए वजह
Malvika Bansod
मालविका का शानदार प्रदर्शन, चीन ओपन में ओलंपिक पदक विजेता को हराया
Ricky Ponting Head Coach of Punjab Kings
पंजाब किंग्स के मुख्य कोच बने रिकी पोंटिंग, ट्रेवर बेलिस की ली जगह
Ashwini Vaishnaw
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मंत्रिमंडल ने नए ‘चंद्रयान-4' को दी मंजूरी