संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पड़ोसी मुल्क चीन को खरी-खरी सुनाई। भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए उनकी प्रबंध समिति की कार्य प्रणाली पर चिंता जाताई है। साथ ही पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों पर प्रतिबंध रोकने के लिए वीटो के इस्तेमाल करने को लेकर भारत ने चीन पर जमकर लताड़ लगाई। भारत की स्थाई प्रतिनिधि और उचरा कंबोज ने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्वीकृति आतंकियों पर सबूत के आधार पर प्रतिबंध की मांग की जाती है, लेकिन बिना कोई कारण बताएं उनके ऊपर प्रतिबंधों के प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया जाता है, उन्होंने बिना नाम लिए चीन के बारे में पूरी दुनिया के सामने सब बता दिया। चीन को बेनकाब कर दिया इसी कड़ी में आगे बोलते हुए कंबोज ने कहा आतंकवाद से निपटने के लिए परिषद की प्रतिबद्धता से इस कारण दौरेपन की बू आती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से कंबोज ने आगे कहा कि हमें इस बारे में पता है कि समिति ने किन आतंकियों को प्रबंध किया है लेकिन लिस्टिंग रिक्वेस्ट को स्वीकार करने के लिए फैसलों को सार्वजनिक नहीं किया जाता है। पाकिस्तानी आतंकवादियों पर लगने वाले प्रतिबंधों को चीन हमेशा वीटो के जरिए ब्लॉक कर देता है भारत ने इस पर सवाल उठाए।
इतिहास पर नजर डालेंगे तो आपको एक लंबी लिस्ट नजर आएगी जब-जब संयुक्त राष्ट्र में चीन ने पाकिस्तान के आतंकवादियों को बचा लिया। भारत संयुक्त राष्ट्र में जाकर सबूत के साथ आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की बात करता तो चीन बार-बार अड़ंगा लगाता हाल ही में चीन का पाकिस्तान के आतंकवादियों को देखकर के लिए प्यार देखने को मिला। हालिया कार्रवाई में साल 2009 में भारत में मुंबई में हुए आतंकी हमले के सरगना और मास्टरमाइंड को बचाने के लिए चीन ने एडी चोटी का जोर लगा दिया। यह कोई पहला मौका नहीं था। इससे पहले भी चीन ने आतंकवादियों को कुछ इसी तरीके से बचाया है।
भारत की ओर से सुरक्षा परिषद में सुधारो की मांग की गई है। भारत में पारदर्शिता का आह्वान किया है। भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में कहा गया है आज एक ऐसी सुरक्षा परिषद की आवश्यकता है।