प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बालिकाओं की अदम्य भावना और उपलब्धियों को सलाम किया और कहा कि वे परिवर्तन निर्माता हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा “राष्ट्रीय बालिका दिवस पर, हम बालिकाओं की अदम्य भावना और उपलब्धियों को सलाम करते हैं। हम सभी क्षेत्रों में प्रत्येक बालिका की समृद्ध क्षमता को भी पहचानते हैं। वे परिवर्तन-निर्माता हैं जो हमारे देश और समाज को बेहतर बनाते हैं। पीएम ने कहा पिछले दशक में हमारी सरकार एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के लिए कई प्रयास कर रही है, जहां हर लड़की को सीखने, बढ़ने और आगे बढ़ने का अवसर मिले।”
2008 से पूरे देश में हर साल राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। यह पहल उन चुनौतियों का समाधान करने पर केंद्रित है जिनका लड़कियों को लैंगिक पूर्वाग्रहों के कारण सामना करना पड़ता है। इस दिन का उद्देश्य लड़कियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को बदलना और उनके सामने आने वाली असमानताओं को उजागर करने का अवसर प्रदान करना भी है। इसका उद्देश्य लड़कियों के बीच उनके अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना भी है।
व्यापक जागरूकता पैदा करने और भागीदारी की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए, महिला एवं बाल मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जमीनी स्तर तक सार्वजनिक भागीदारी के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया पांच दिवसीय विशेष अभियान चलाने का अनुरोध किया है।
राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान भी अपने परिसर में राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित कर इस अभियान में भागीदारी कर रहा है। यह कार्यक्रम “मेरे विकसित भारत का सपना” विषय पर एक पेंटिंग प्रतियोगिता के माध्यम से दिल्ली में बाल देखभाल संस्थानों के बच्चों की रचनात्मक कल्पना को सामने लाता है।
सीसीआई के बच्चे भी अभियान विषय के अनुरूप एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से योगदान देंगे। इसमें शिशु मंदिर, बैंगलोर (बोइंग इंडिया द्वारा क्यूरेटेड) के बच्चों द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित एक यूनीसाइकिल प्रदर्शन भी शामिल है।
यह आयोजन सभी लिंग-आधारित भेदभाव के खिलाफ शपथ ग्रहण समारोह के साथ समाप्त होगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री मुंजपारा महेंद्रभाई शामिल होंगे जो अपने संबोधन से प्रतिभागियों को सम्मानित और प्रोत्साहित करेंगे। इन गतिविधियों में अनुमानित भागीदारी लगभग 250-300 व्यक्तियों की है।