प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज में उनके प्रेरणादायक योगदान को स्वीकार करते हुए सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों ने अपनी करुणा और साहस से समाज को प्रेरित किया और हमारे राष्ट्र के प्रति उनका योगदान अमूल्य है।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा ‘’सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। दोनों ने अपनी करुणा और साहस से समाज को प्रेरित किया। हमारे राष्ट्र के प्रति उनका योगदान अमूल्य है। हमने हाल ही में #MannKiBaat के दौरान उन्हें इस तरह श्रद्धांजलि दी है।‘’ पीएम मोदी ने मन की बात के कुछ अंश भी साझा किए जहां उन्होंने सावित्रीबाई फुले और रानी वेलु नाचियार के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
सावित्रीबाई फुले
सावित्रीबाई फुले एक भारतीय समाज सुधारक, शिक्षाविद् और महाराष्ट्र की कवयित्री थीं। उन्हें भारत की पहली महिला शिक्षिका माना जाता है। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर भारत में महिलाओं के अधिकारों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सावित्रीबाई फुले को भारतीय नारीवाद की जननी माना जाता है। फुले और उनके पति ने 1848 में पुणे के भिडे वाडा में पहले भारतीय लड़कियों के स्कूल में से एक की स्थापना की। उन्होंने जाति और लिंग के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव और अनुचित व्यवहार को खत्म करने के लिए काम किया। सावित्रीबाई को महाराष्ट्र में सामाजिक सुधार आंदोलन की एक महत्वपूर्ण हस्ती माना जाता है।
रानी वेलु नचियार
रानी वेलु नचियार किसी शाही परिवार की पहली महिला थीं जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी। रानी वेलु नचियार ने तब हथियार उठाए जब उनके पति और उनकी दूसरी पत्नी को ब्रिटिश सैनिकों और अर्कोट के नवाब के बेटे की संयुक्त सेना ने मार डाला। बाद में वह अपनी बेटी के साथ भाग गई। आठ साल तक डिंडीगुल के पास विरुपाची में हैदर अली के संरक्षण में रही। इस अवधि के दौरान उन्होंने एक सेना बनाई और अंग्रेजों पर हमला करने के उद्देश्य से गोपाल नायकर और हैदर अली के साथ गठबंधन बनाया। 1780 में रानी वेलु नचियार ने अपने सहयोगियों की सैन्य सहायता से अंग्रेजों से लड़ाई की और लड़ाई जीती।