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पुष्य नक्षत्र क्या है? जिसमें पीएम मोदी आज वाराणसी से करेंगे नामांकन

PM NARENDRA MODI NOMINATION | LOKSABHA ELECTION 2024 | VARANASI | SHRESHTH BHARAT

PM Modi Nomination: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से तीसरी बार नामांकन करेंगे। वे पुष्य नक्षत्र में नामांकन करेंगे। आइए जानते है कि पुष्य नक्षत्र क्या है और इस नक्षत्र में ही पीएम मोदी नामांकन क्यों करेंगे…

क्या है पुष्य नक्षत्र ?

पुष्य का अर्थ है- पोषण करने वाला, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला।  पुष्य नक्षत्र शनि का नक्षत्र है और इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति होते हैं, जिसकी वजह से यह नक्षत्र बेहद शुभ माना जाता है। इस दौरान किए गए सभी काम पूरे होते हैं।

पुष्य नक्षत्र का महत्व

ज्योतिषियों के अनुसार, पुष्य नक्षत्र के सिरे पर बहुत से सूक्ष्म तारे हैं जो कांति घेरे के अत्यधिक पास होते हैं। पुष्य नक्षत्र के मुख्य रूप से तीन तारे होते हैं, जो एक तीर की आकृति के समान आकाश में दिखाई देते हैं। इसके तीर की नोंक कई बारीक तारों के समूहों के गुच्छे के रूप में दिखाई देती है। आकाश में इसका विस्तार 3 राशि 3 अंश 20 कला से 3 राशि 16 अंश 40 कला तक होता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य का प्राचीन नाम तिष्य था। जोकि शुभ, सुंदर और सुख संपदा देने वाला माना जाता था। इस नक्षत्र को शुभ और कल्याणकारी माना जाता है।

पुष्य नक्षत्र का चिन्ह क्या है?

इस नक्षत्र का चिह्न गाय का थन माना जाता है। गाय का दूध पृथ्वी लोक का अमृत माना जाता है। पुष्य नक्षत्र गाय के थन से निकला ताजा दूध लाभप्रद होने के साथ शरीर और मन को प्रसन्नता देने वाला होता है। ऋग्वेद में इसे तिष्य अर्थात शुभ या मांगलिक तारा भी कहा गया है।

हर महीने में एक बार पड़ता है पुष्य नक्षत्र

पुष्य नक्षत्र का शुभ योग हर महीने में एक बार बनता है। शास्त्रों के अनुसार, पुष्य नक्षत्र स्थायी होता है। अत: इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक उपयोगी रहती है और शुभ फल प्रदान करती है। पुष्य नक्षत्र पर बृहस्पति (गुरु), शनि और चंद्र का प्रभाव होता है। इसलिए सोना, चांदी, लोहा, बही खाता, परिधान, उपयोगी वस्तुएं खरीदना और बड़े निवेश करना इस नक्षत्र में अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

पुष्य नक्षत्र के देवता कौन हैं?

पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति होते हैं, जिसका कारक सोना और स्वामी शनि हैं। इसलिए लोहा और चंद्र का प्रभाव रहता है। इसलिए चांदी खरीदते हैं। स्वर्ण, लोहा, वाहन और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती है। मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में मांगलिक कार्य करने से मां लक्ष्मी की पूरे वर्ष कृपा बनी रहती है।


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