Supreme Court आज 10.30 बजे VVPAT पर्चियों की पूरी गिनती की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। आज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ये फैसला सुनाएगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा था कि हर चीज पर संदेह नहीं किया जा सकता और याचिकाकर्ताओं को ईवीएम के हर पहलू के बारे में आलोचनात्मक होने की जरूरत नहीं है। आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी कर सकता है।
#SupremeCourt to pass orders today on petitions seeking complete EVM-VVPAT verification.
— Live Law (@LiveLawIndia) April 24, 2024
A bench of Justices Sanjiv Khanna and Dipankar Datta to pass directions at 10.30 AM today.
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बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों के साथ सुनवाई पूरी होने के बाद (गुरुवार) 18 अप्रैल को फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले कहा गया था कि ‘VVPAT’ स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने वाली प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। इसके जरिए मशीन से कागज की पर्ची निकलती है, जिसे मतदाता देख सकता है और इस पर्ची को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाता है तथा विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है।
क्या है VVPAT?
VVPAT एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली होता है। इसमें वोटर ये देख सकते हैं कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं। याचिकाकर्ता गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने वीवीपैट मशीनों पर पारदर्शी कांच को अपारदर्शी कांच से बदलने के आयोग के 2017 के फैसले को उलटने की मांग की है, जिसके जरिए कोई मतदाता केवल 7 सेकंड के लिए रोशनी चालू होने पर ही पर्ची देख सकता है।
सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि मैं समझता हूं कि चुनाव एकदम नजदीक है। ऐसे में हमारी मांग पर अदालत को जल्द फैसला देना चाहिए।