भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया से बदसलूकी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को अदालत में सीसीटीवी कैमरे ना रखने पर नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया कि कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान पीठ ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि सीसीटीवी कैमरे को ठीक करने के लिए बार-बार पत्र लिखा गया उसके बावजूद उन्हें क्यों नहीं सुधर गया।
सुप्रीम कोर्ट ने गौरव भाटिया के साथ बदसलूकी के मामले में जिला अदालत प्रशासन को सीसीटीवी कैमरे सुरक्षित करने का आदेश दिया था। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि सीसीटीवी फुटेज नहीं दे सकते। जब इसका कारण पूछा गया तो बताया गया सीसीटीवी खराब है। अदालत ने जोर देकर कहा कि वह इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे। कोई भी वकील किसी अन्य को अदालत छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।
आपको बता दें, 11 मार्च को भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया के साथ ग्रेटर नोएडा की एक अदालत में बदसलूकी हुई थी। गौरव भाटिया एक केस की पैरवी के लिए अदालत पहुंचे थे, इसी दौरान स्थानीय वकील ने उन पर हमला कर दिया। यहां वकीलों ने गौरव भाटिया का बैग भी छीन लिया। आपको बता दें, जिला अदालत के अंदर वकील हड़ताल कर रहे थे और इस दौरान गौरव भाटिया और उनकी साथी वकील मुस्कान गुप्ता वहां पहुंचे। इसी दौरान कुछ वकीलों ने उनके साथ बदसलूकी की थी।