Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने अचल संपत्तियों को गिराने से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने आदेश दिया है कि अगली सुनवाई यानी 1 अक्टूबर तक पूरे देश में किसी की संपत्ति पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए। इस आदेश के बाद से विपक्ष भाजपा पर हमलावर है।
इसी बीच शुक्रवार को गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुलडोजर की शव यात्रा निकाली। कार्यकर्ताओं ने रूमाल पर प्लास्टिक का बुलडोजर रखकर राम नाम सत्य है का नारा लगाया। इतना ही नहीं, सपा कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगो को लेकर शहर के पंत पार्क से डीएम के ऑफिस तक पैदल मार्च निकाला और योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बुलडोजर अन्याय का प्रतीक हो सकता है, न्याय का नहीं: अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी बुलडोजर से तोड़फोड़ रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। अखिलेश यादव ने भाजपा पर ‘बुलडोजर को न्याय की तरह महिमामंडित करने’ का आरोप लगाया।
अखिलेश यादव ने कहा कि बुलडोजर न्याय नहीं हो सकता, बुलडोजर असंवैधानिक था, बुलडोजर लोगों को डराने के लिए थे। यह विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए था। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को धन्यवाद देता हूं, जिसने बुलडोजर को रोकने का काम किया है।
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री, खासकर यूपी सरकार और बीजेपी के लोग इस बुलडोजर को इतना महिमा मंडल कर रहे थे कि बुलडोजर ही न्याय हो गया है। वे कार्यक्रमों और रैलियों में लाते थे, जिससे लोगों के अंदर भय पैदा कर सकें। अब, जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, तो मैं समझता हूं बुलडोजर रुकेगा और न्यायालय से न्याय मिलेगा। एक बुलडोजर अन्याय का प्रतीक हो सकता है, न्याय का नहीं।
#WATCH | On Supreme Court's direction, SP chief Akhilesh Yadav says, "Bulldozer can't be justice. It was unconstitutional, it was to scare people. Bulldozer was to deliberately suppress the voice of Opposition. I thank Supreme Court for this direction that has stopped bulldozer.… https://t.co/F1BTLXy3l8 pic.twitter.com/21FnXOxSA8
— ANI (@ANI) September 17, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अचल संपत्तियों को गिराने से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई यानी 1 अक्टूबर तक पूरे देश में किसी की संपत्ति पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों और इसी तरह के क्षेत्रों में अनधिकृत निर्माणों पर लागू नहीं होगा।