Electoral Bond: हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) के खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। यह कंपनी चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी, जिसने कुल ₹966 करोड़ रुपये के बराबर के बॉन्ड खरीदे थे।
रिश्वतखोरी के मामले में फंसी मेघा इंजीनियरिंग
आरोप है कि इस मामले में एनएमडीसी और NISP के आठ अधिकारियों और मेकॉन (MECON) के दो अधिकारियों ने भी रिश्वत ली। सीबीआई के अनुसार, मेघा इंजीनियरिंग के ₹174 करोड़ के बिल मंजूर करने के एवज में करीब ₹78 लाख की रिश्वत दी गई थी। ये बिल जगदलपुर इंटीग्रेटिड इस्पात संयंत्र से संबंधित कार्यों से जुडे़ थे।
चुनावी बांड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी
दिलचस्प बात यह है कि चुनाव आयोग द्वारा 21 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार, मेघा इंजीनियरिंग चुनावी बांड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी और उसने सबसे ज्यादा राशि, लगभग ₹586 करोड़ रुपये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को डोनेट की थी।
कंपनी ने अन्य राजनीतिक दलों को भी दान दिया था, जिनमें BRS को ₹195 करोड़, द्रमुक (DMK) को ₹85 करोड़, वाईएसआरसीपी (YSRCP) को ₹37 करोड़, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को ₹25 करोड़ और कांग्रेस को ₹17 करोड़ शामिल हैं।
पिछले साल हुई थी शुरुआती जांच
सीबीआई ने शनिवार को जो FIR सार्वजनिक की है, उसके अनुसार एजेंसी ने 10 अगस्त 2023 को एक शुरुआती जांच दर्ज की थी। जांच जगदलपुर इंटीग्रेटेड इस्पात संयंत्र में इनटेक वेल और पंप हाउस और क्रॉस-कंट्री पाइपलाइन से जुड़े कार्यों के लिए दी गई कथित रिश्वतखोरी के बारे में थी। इस पूरी परियोजना की लागत ₹315 करोड़ बताई गई है। बाद में मामले की जो जांच सामने आई उसके आधार पर, 18 मार्च को एक रेग्यूलर मामला दर्ज करने की भी सिफारिश की गई। फिर इस मामले को 31 मार्च को दायर कर दिया गया।
इन अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का दाग
सीबीआई ने अपनी FIR में एनएमडीसी लिमिटेड और NISP के आठ अधिकारियों को नामजद किया है, जिनमें रिटायर कार्यकारी निदेशक प्रशांत दास, निदेशक (उत्पादन) डीके मोहांती, DGM पीके भुयान, डीएम नरेश बाबू, सीनियर मैनेजर सुब्रो बनर्जी, रिटायर सीजीएम (वित्त) एल कृष्ण मोहन, जीएम (फाइनेंस) के राजशेखर, मैनेजर (फाइनेंस) सोमनाथ घोष शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने ₹73.85 लाख की रिश्वत ली।
सीबीआई ने मेकॉन लिमिटेड के दो अधिकारियों – एजीएम (संविदा) संजीव सहाय और डीजीएम (संविदा) के इलावरसु को भी नामजद किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एनएमडीसी लिमिटेड द्वारा MEIL को 73 बिलों के भुगतान के एवज में ये राशि (₹ 5.01 करोड़) हासिल की थी।
कंपनी के महाप्रबंधक सुभाष चंद्रा और मेघा इंजीनियरिंग को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।