श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

IMA प्रमुख की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पतंजलि

Patanjali: IMA प्रमुख डॉ. आर वी अशोकन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पढ़ें, पूरी खबर...
Patanjali Advertisement Case Supreme Court Baba Ramdev IMA Chief Dr R V Ashokan

Patanjali: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रमुख डॉ. आरवी अशोकन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। यह याचिका भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में शीर्ष अदालत में चल रही कार्यवाही पर अशोकन के द्वारा टिप्पणी करने को लेकर दाखिल की गई है।

डॉ. अशोकन ने जानबूझकर की टिप्पणी

आचार्य बालकृष्ण ने जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष दाखिल अपनी याचिका में कहा कि डॉ, अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लेकर जानबूझकर टिप्पणी की है। उनका बयान शीर्ष अदालत की कार्यवाही और न्याय की प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप है। अशोकन का बयान निंदनीय है। यह जनता की नजर में अदालत की गरिमा और कानून की कम करने की कोशिश है।

मुकुल रोहतगी ने उठाया अशोकन की टिप्पणी का मामला

बता दें कि पिछली सुनवाई में पतंजलि की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में डॉ. अशोकन की टिप्पणी का मामला उठाया था। इस पर पीठ ने अदालत की कार्यवाही को लेकर मीडिया में आइएमए प्रमुख द्वारा दिए गए इंटरव्यू को अदालत की रिकॉर्ड पर लाने को कहा था।

मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा था कि डॉ. अशोकन ने शीर्ष अदालत की उस टिप्पणी की आलोचना की है, जिसमें अदालत ने कहा था कि IMA को डॉक्टरों द्वारा महंगी दवाइयां, इलाज लिखने वाले और अनैतिक आचरण में शामिल डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

रोहतगी ने अशोकन के इंटरव्यू को परेशान करने वाला बताया। उन्होंने बताया कि आइएमए प्रमुख कहते हैं कि अदालत अस्पष्ट और अप्रासंगिक बयान दे रही है। हमने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन कोर्ट हम पर व्यापक रुख अपना रही है। इस पर कोर्ट ने अशोकन को कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा था।

केंद्र ने भ्रामक विज्ञापनों पर की कार्रवाई

ता दें कि केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में हलफनामा दाखिल कर कहा कि हमने 2018 से लेकर अबतक 354 भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई की है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कहा कि 2018 से लेकर अबतक हमें 36,040 शिकायतें मिली थीं, जिस पर 354 भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सबसे ज्यादा राजस्थान में 206 भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई की। आयुष मंत्रालय ने बताया कि तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 4230 शिकायतें दर्ज की गईं।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Health News
Health News: टॉयलेट सीट पर चलाते हैं फोन, बड़ी बीमारी से हो सकते हैं ग्रसित!
CM DHAMI
Uttarakhand: जनजातीय गौरव दिवस आज, मुख्यमंत्री धामी करेंगे कार्यक्रम का शुभारंभ
UPPSC Exam News Date
UPPSC Exam News Date: UPPSC परीक्षा की नई तारीख का एलान, जानें कब होगा एग्जाम
UPPSC RO-ARO Protest
UPPSC Protest: छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, जानें कहां फंसा है पेंच
Anshul Kamboj
Ranji Trophy: अंशुल कंबोज ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने 6ठें भारतीय गेंदबाज
India Vs South Africa 4th T20
IND vs SA: सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगी सूर्या ब्रिगेड, जानें संभावित प्लेइंग11