श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

किराए के कमरे में पूरा खेल, कैसे काम करते हैं पेपर लीक के मास्टरमांइड

NEET UG Paper leak case: NEET के CHEAT कांड को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। परीक्षा सिस्टम को दीमक की तरह खोखला करने वालों के कई किरदार हैं, जो पहले सिस्टम में घुसकर पेपर लीक कराते हैं। इसके बाद अपने ग्राहक यानी स्टूडेंट्स की तलाश करते हैं। फिर इन्हें रात भर बैठकर परीक्षा के लिए ट्रेंड किया जाता है और इसके बाद अलग-अलग प्राइवेट गाड़ियों के जरिए उन्हें एग्जाम सेंटर तक पहुंचाया जाता है।
NEET UG Paper leak case | Shreshth uttar pradesh |

NEET UG Paper leak case: NEET के CHEAT कांड को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। परीक्षा सिस्टम को दीमक की तरह खोखला करने वालों के कई किरदार हैं, जो पहले सिस्टम में घुसकर पेपर लीक कराते हैं। इसके बाद अपने ग्राहक यानी स्टूडेंट्स की तलाश करते हैं। फिर इन्हें रात भर बैठकर परीक्षा के लिए ट्रेंड किया जाता है और इसके बाद अलग-अलग प्राइवेट गाड़ियों के जरिए उन्हें एग्जाम सेंटर तक पहुंचाया जाता है। लाखों स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ वाले नीट-यूजी पेपर लीक मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी के बाद इनकी पूरी कुंडली निकलकर सामने आई है।

दरअसल, इस मामले में गिरफ्तार किए गए 9 हैंडलर ही प्रमुख तौर पर पेपर लीक रैकेट के खिलाड़ी हैं। पेपर लीक होने के बाद ये हैंडलर सुनिश्चित करते थे कि जिन स्टूडेंट्स को वो पेपर बेच रहे हैं, उन्हें हर हाल में पास कराया जाए। इस वक्त नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जड़ें झारखंड और बिहार में मिली हैं। मामले की जांच कर रहे एक सीनियर पुलिस ऑफिसर के मुताबिक, इस मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए सभी हैंडलर तकनीकी तौर पर गहरे जानकार हैं।

पेपर लीक करने, जिन्हें पेपर बेचे गए उन्हें उत्तर याद कराने और इन स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर तक पहुंचाने का जिम्मा इन्हीं लोगों ने संभाला। झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किए गए छह हैंडलर किराए के मकान में रहते थे और खुद को मजदूर बताते थे। इनका काम यह सुनिश्चित करना था कि लीक हुए पेपर पूरी गोपनीयता और सुरक्षित तरीके से इनके ग्राहक यानी स्टूडेंट्स तक पहुंच जाएं।

पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि एक बार परीक्षा खत्म होने के बाद, पेपर लीक रैकेट अगली परीक्षा के लिए सिस्टम में खामियों की पहचान करने के लिए काम पर जुट जाता था। उनका नेटवर्क पेपर लीक कराने और लीक होने के बाद इन्हें बेचने के लिए ग्राहक तलाशने, दोनों के लिए काम करता था। अपने ग्राहकों की संख्या बढ़ाने के लिए ये हैंडलर किसी बहाने से कोचिंग सेंटर, स्कूल और कॉलेज से जुड़ने के मौके तलाशते थे। इसके बाद तलाश होती थी उन लोगों की, जो परीक्षा की प्रक्रिया से जुड़े हैं। इन्हें मोटी रकम देकर हैंडलर अपने काम की जानकारी निकालते थे।

दरअसल, बिहार पुलिस ने जब 5 मई की नीट-यूजी परीक्षा की सुबह खुफिया इनपुट के आधार पर एक सेफ हाउस पर छापा मारा, तो इस बात के सबूत मिले कि इन हैंडलर ने एग्जाम के ठीक पहले दिन शाम को लगभग 30 स्टूडेंट्स को पटना के बाहरी इलाके राम कृष्ण नगर में एक जगहर पर इकट्ठा किया था। ये स्टूडेंट्स लीक हुए प्रश्न पत्रों के उत्तर रात भर बैठकर याद करने के लिए यहां जमा हुए थे। इसके बाद हैंडलर ने इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर तरह से सावधानी बरतते हुए उन्हें प्राइवेट गाड़ियों के जरिए उनके परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया।

आपको बता दें कि प्रवेश परीक्षाओं को सुरक्षित करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की सुविधा पूरे देश में 2010 के आसपास शुरू की गई थी। इससे पहले डाक से आवेदन भेजने की प्रक्रिया थी। उस पुराने सिस्टम में ऐसी खामियां मौजूद थी, जिनसे जालसाज और भ्रष्ट अधिकारी आसानी से फायदा उठा लेते थे। बिहार कैडर के एक आईपीएस अधिकारी बताते हैं, कि ऑनलाइन सिस्टम आने से पहले परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसियां आवेदन पत्र मिलने के समय के आधार पर रोल नंबर आवंटित करती थीं। ऐसे में जालसाज इस सिस्टम का फायदा उठाते हुए एक ही लिफाफे में कई आवेदन पत्र भेज देते थे। आईपीएस अधिकारी के मुताबिक, आवेदन भेजते वक्त ये लोग उम्मीदवारों के लिए ‘बोगी’ और नकली उम्मीदवारों के लिए ‘इंजन’ जैसे कोड का इस्तेमाल करते थे। ऐसा करने से रैकेट के ग्राहक सभी स्टूडेट्स को एक ही परीक्षा केंद्र और हॉल के लिए रोल नंबर मिल जाते थे और नकल कराना बेहद आसान हो जाता था।

5 मई को जिस दिन नीट यूजी का एग्जाम था, उसी दिन बिहार पुलिस और इकनॉमिक ऑफेंस यूनिट ने नीट पेपर लीक से जुड़े एक गैंग को पकड़ा था। पटना के शास्त्री नगर थाने के थाना अध्यक्ष अमर कुमार ने इस मामले में एक FIR खुद दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे पटना के एक हॉस्टल में कई लड़कों को पहले से क्वेश्चन पेपर मिल गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, पुलिस ने दावा किया है कि नीट के क्वेश्चन पेपर के लिए 30-50 लाख रुपए दिए गए। मतलब डॉक्टर बनने का सपना लिए मेहनत से पढ़ने वाले बच्चे और उनका परिवार ये मान ले कि पैसे का ही खेल है ? लेकिन सवाल ये भी उठता है कि ये खेल आखिर कब तक चलेगा। कहीं टेक्निकल एरर है, तो कहीं, एग्जाम रद्द किया जा रहा है, कभी सेंटर आखिरी समय में बदल दिया जा रहा है, तो कहीं एग्जाम किसी और सब्जेक्ट का है और पेपर किसी और सब्जेक्ट का मिल रहा है।

भारत के करोड़ों बच्चे जो मेहनत करके, वक्त, पैसा, इमोशन सब लगाकर एग्जाम की तैयारी करते हैं और फिर जब पेपर लीक होता है तो उनके सभी सपनों पर पानी फिर जाता है। मामला अदालतों में चलता रहता है, जिसके बाद क्या अब ये समझा जाए कि क्या छात्रों को अब एग्जाम के बाद अदालत जाने की भी कोचिंग लेनी चाहिए? क्या अब छात्रों को एक नहीं कई एग्जाम की तैयारी एक साथ करनी चाहिए, कहीं एक एग्जाम रद्द हो जाए तो दूसरा दे सकें। कहीं पेपर लीक हो तो कम से कम दूसरा ऑप्शन तो हो, ऐसा भी नहीं है कि पेपर लीक पहली बार हो रहा है। इससे पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है।

नीट यूजी परीक्षा का पेपर साल 2021 में भी लीक हुआ था। इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया था। पुलिस की तरफ से बताया गया था कि पेपर 2 बजे शुरू हुआ था जोकि 2:30 बजे सोशल मीडिया के जरिए बाहर हो गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते पांच सालों में देश भर के अलग-अलग राज्यों में दर्जनों परीक्षा कैंसिल हुई हैं। जबकि कई मामलों में परीक्षा से पहले ही एग्जाम लीक होने की बात सामने आई है। अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो बीते सालों में RO, ARO पेपर लीक, कॉलेज प्रवेश परीक्षा पेपर लीक, पीईटी परीक्षा का पेपर लीक, UPTET, ट्यूबवेल ड्राइवर टेस्ट लीक सितंबर, यूपीपीसीएल पेपर लीक हुआ है।

बिहार से भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। बिहार में 1 अक्टूबर 2023 को हुई सिपाही बहाली परीक्षा का प्रश्न-पत्र परीक्षा से पहले वायरल हो गया था। इस वजह से परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। इस मामले की जांच कर रही ईओयू टीम को कई अहम सुराग मिले थे। इसके अलावा झारखंड में जूनियर इंजीनियर परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आया था। जेई भर्ती परीक्षा 1562 से अधिक पद के लिए डिप्लोमा स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन दिसंबर 2021 में निकाला गया था। पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द हो गई थी। राजस्थान से भी काफी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। राजस्थान में 2019 से औसतन हर साल 3 पेपर लीक हुए हैं, जिससे 40 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। 26 मामलों में से 14 पिछले चार वर्षों में हुए। पेपर लीक के कारण ग्रेड-3 लाइब्रेरियन और सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा रद्द की गईं। इन पेपर के अलावा भी कई देश भर में होने वाली परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं।

ये भी देखें



संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Health News
Health News: टॉयलेट सीट पर चलाते हैं फोन, बड़ी बीमारी से हो सकते हैं ग्रसित!
CM DHAMI
Uttarakhand: जनजातीय गौरव दिवस आज, मुख्यमंत्री धामी करेंगे कार्यक्रम का शुभारंभ
UPPSC Exam News Date
UPPSC Exam News Date: UPPSC परीक्षा की नई तारीख का एलान, जानें कब होगा एग्जाम
UPPSC RO-ARO Protest
UPPSC Protest: छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, जानें कहां फंसा है पेंच
Anshul Kamboj
Ranji Trophy: अंशुल कंबोज ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने 6ठें भारतीय गेंदबाज
India Vs South Africa 4th T20
IND vs SA: सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगी सूर्या ब्रिगेड, जानें संभावित प्लेइंग11