Kolkata Kand: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार-हत्या के मामले ने देशभर के लोगों के मन में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। इंसाफ पाने के लिए डॉक्टर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसी बीच कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार देर रात कहा कि जब तक ममता बनर्जी सरकार उनकी सभी मांगें पूरी नहीं कर देती, तब तक वे अपना ‘काम बंद करो’ आंदोलन जारी रखेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक पूरी नहीं हुई मांगों पर भी वो और चर्चा करने के लिए राज्य सरकार से संपर्क करेंगे।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने अपने एक बयान में कहा कि हमारे आंदोलन के दबाव के कारण राज्य सरकार को पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर नॉर्थ, स्वास्थ्य सेवा निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह हमारे आंदोलन की आंशिक जीत है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीएम ने उन्हें मौखिक आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
डॉक्टरों के संगठन ने बंगाल सरकार की अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को भी चिन्हित किया, जिसमें कहा गया था कि सरकारी अस्पताल महिला डॉक्टरों को रात की शिफ्ट में काम देने से बचेंगे (Kolkata Kand)। डॉक्टरों ने कहा कि लैंगिक भेदभाव पैदा करके महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं होगा।
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इस दौरान डॉक्टरों के संगठन ने कहा है कि अस्पतालों में बिस्तरों के आवंटन में भ्रष्टाचार और जीवन रक्षक दवाओं की कमी के कारण आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम इन सभी समस्याओं का समाधान चाहते हैं।
‘हम काम पर लौटना चाहते हैं’
जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान उन्होंने इन समस्याओं के समाधान के लिए कॉलेज स्तर पर टास्क फोर्स बनाने की मांग की थी। सीएम ने हमारे विरोध स्थल से घोषणा की कि रोगी कल्याण समितियों को भंग कर दिया जाएगा, लेकिन हमें लिखित में कुछ नहीं मिला और इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि इन समितियों को फिर से कैसे स्थापित किया जाएगा। डॉक्टरों के संगठन ने कहा कि वे चाहते हैं कि ममता सरकार उनसे बातचीत करे और उनकी मांगें पूरी करें। जूनियर डॉक्टरों ने कहा, “हम काम पर लौटना चाहते हैं।”