भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन को करारा जवाब दिया। अरुणाचल प्रदेश के तीन स्थानों का चीन ने नाम बदल दिया था। इसको लेकर सोमवार को सूरत में पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जाएगा? विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारतीय राज्य था और भविष्य में भी रहेगा।
जयशंकर ने कहा ‘नाम’ बदलने से क्या होता है
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि नाम बदलने से कुछ नहीं होता और ना ही इसका कोई प्रभाव पड़ता है। आप सब जानते हैं कि हमारी सेना LAC पर तैनात है। सेना के लोग जानते हैं उन्हें क्या करना है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को जानकारी दी थी। इस जानकारी के मुताबिक, चीनी नागरिक मंत्रालयों के मंत्रालय ने जंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की, चीन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है और दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में इस राज्य पर अपना दावा करता है।
पीएम ने 13000 फीट ऊंची ‘सुरंग’ का किया था उद्घाटन
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13000 फीट की ऊंचाई पर बनी सेल सुरंग का उद्घाटन किया। इस पर चीन ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालय ने इन क्षेत्रों पर अपना दावा जताने के लिए कई बयान भी जारी किए। लेकिन, हर बार भारतीय सरकार ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन की टिप्पणी को बेतुका बताया और इसे सिरे से खारिज कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय हमेशा से कहता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था है और हमेशा रहेगा।चीन इस मुद्दे पर अमेरिका से भी उलझ चुका है।
कुछ महीने पहले अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश को भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देने की बात कही थी इसी पर चीन इसका विरोध किया और कहा भारत चीन का सीमा विवाद दोनों देशों के बीच का मुद्दा है वाशिंगटन का इससे कोई लेना देना नहीं।