Surya Tilak Of Ramlala: अयोध्या में रामनवमी की पावन बेला पर रामलला के सूर्यतिलक का अद्भुत नजारा देखने को मिला। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामभक्ति में लीन दिखे। पीएम नंगे पाव ही रामलला के इस अद्भुत नजारे को देखते हुए नजर आए।
पीएम मोदी के सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में वह नंगे पैर बैठे हुए नजर आ रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी के हाथ में एक टैब भी है, जिस पर वह रामलला के ललाट पर सूर्य के प्रकाश के मनमोहक दृश्य को देख रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा ” नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।”
नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा। pic.twitter.com/QS3OZ2Bag6
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2024
पीएम मोदी ने प्रभु श्री राम के सूर्य तिलक को अलौकिक राम भक्तों से आग्रह किया कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें। पीएम ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “दिव्य-भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है, जिसमें प्रभु श्री राम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवसर भी आया है। दुनियाभर के राम भक्तों से मेरा आग्रह है कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें।”
दिव्य-भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ये पहली रामनवमी है, जिसमें प्रभु श्री राम के सूर्य तिलक का अलौकिक अवसर भी आया है। दुनियाभर के राम भक्तों से मेरा आग्रह है कि वे इस अद्भुत क्षण का साक्षी जरूर बनें। https://t.co/jBw1J0GMOY
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2024
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली बार हुआ है जब रामलला का सूर्य तिलक हुआ। शालिग्राम से बनी रामलला की मूर्ति के माथे पर सूर्य की चमक अद्भुत ही दर्शन करा रही थी। ध्यान देने की बात है कि इस महान घटना के पीछे देश के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत थी। धर्म और विज्ञान के संगम से क्या हो सकता है ये आज देखा गया। सूर्य अभिषेक एक ऐसी परंपरा है जो कई जैन और हिंदू सूर्य मंदिर मंदिरों में प्रैक्टिस की जाती रही है।
रामनवमी के खास मौके पर मंदिर का विशेष श्रृंगार किया गया है। बता दें कि रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरणों को भगवान रामलला के मस्तक तक पहुंचाया गया। इस दौरान 5 मिनट तक रामलला के ललाट पर सूर्य की किरण सुशोभित हुई।
असुर नाग खग नर मुनि देवा।
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) April 17, 2024
आइ करहिं रघुनायक सेवा।।
जन्म महोत्सव रचहिं सुजाना।
करहिं राम कल कीरति गाना।।
असुर-नाग, पक्षी, मनुष्य, मुनि और देवता सब अयोध्या में आकर रघुनाथ जी की सेवा करते हैं। विद्वान जन प्रभु के जन्म का महोत्सव मनाते हैं और श्री राम की सुंदर कीर्ति का गान करते हैं।… pic.twitter.com/joNulZeOKD