उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस द्वारा उत्तर भारत, दक्षिण भारत, पूर्वी भारत और पश्चिमी भारत को रंग और चमड़ी के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम योगी ने सैम पित्रोदा के बयान को अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय बताया और कहा कि कांग्रेस को इसके लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
बता दें, एक इंटरव्यू के दौरान सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत में उत्तर पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं तो दक्षिण में लोग अफ्रीकी लगते हैं। वहीं, पूर्व में रहने वाले लोग अरब जैसे दिखते हैं। उनके इस बयान पर सियासी बहस छिड़ गई है। सैम पित्रोदा के इस बयान पर सीएम योगी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा कांग्रेस की बांटो और राज करो की नीति बयां कर रहे हैं। कांग्रेस हमेशा देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार रही है। 1947 की भारत के विभाजन की त्रासदी के लिए भी कांग्रेस जिम्मेदार है। आजादी के बाद भी देश को जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर बांटने का पाप कांग्रेस ने किया है।
“देश की जनता से माफी मांगे कांग्रेस”
सीएम योगी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तर भारत, दक्षिण भारत, पूर्वी भारत और पश्चिमी भारत को रंग और चमड़ी के आधार पर बांटने का प्रयास कर रही है। यह कांग्रेस की खतरनाक मंशा को दिखाता है। उन्होंने कांग्रेस को लताड़ते हुए कहा कि सैम पित्रोदा का बयान बेहद शर्मनाक है और यह भारत के 140 करोड़ लोगों को अपमानित करने वाला है। कांग्रेस को इसके लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
“भारत की एकता के सांस्कृतिक आधार हैं राम”
राम मंदिर से जुड़े सैम पित्रोदा के बयान पर सीएम ने खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि भारतवासी राष्ट्र और राम को एक-दूसरे के पूरक मानते हैं। भारत के अंदर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम भारत की एकता के सांस्कृतिक आधार भी हैं। भारत के हर परिवार में भगवान राम मर्यादा के आदर्श माने गए हैं। राम भारत की सांस्कृतिक और राजनीति एकता के प्रतीक हैं। इसमें गरीब कल्याण, सबका साथ-सबका विकास, सर्वे सन्तु निरामया का भाव निहित है। राम मंदिर का निर्माण भारत के लिए गौरव का विषय है। जिनका भारत और भारतीयता पर विश्वास नहीं है और जिन्हें अच्छे कार्य में शर्मिंदगी महसूस होती है। ईश्वर करे कि उन्हें यह शर्मिंदगी हमेशा मिलती रहे।