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भारत के इस मिसाइल परिक्षण से दहशत में है चीन, जानिए वजह

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चीन एक बार फिर चालाकी करने की कोशिश कर रहा है। क्योकि, भारत एक और मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है जो चीन की आधाी आबाधी को तबाह कर सकती है। इसलिए चीन दहशत में है और बंगाल की खाड़ी में भारत की जासूसी कर रहा है।

हालही में भारत ने चाइना किलर कही जाने वाली अपनी अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण कर दुनिया को बड़ा संदेश दिया है और खासतौर पर चीन को, कि अगर चीन ने भारत की तरफ बुरी नजर डाली तो उसका क्या हश्न होगा। ये चीन अच्छे से समझ ले और एक बार फिर भारत एक और मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है। जिसका नाम है K-4 मिसाइल जिससे चीन इतना घबराया हुआ है कि चीन का एक जासूसी जहाज शियांग यांग होंग 01 तो बंगाल की खाड़ी में डेरा डाले हुए है। ये जहाज विशाखापत्‍तनम से कुछ समुद्री मील की दूरी पर अंतरराष्‍ट्रीय जलक्षेत्र में मौजूद है। 

बताया जा रहा है कि भारत 16 मार्च तक एक और मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है। ये भारत की  K-4 मिसाइल होगी जिसका परीक्षण भारत करेगा और इसी वजह से व‍िमानों को इस इलाके से दूर रहने के लिए भी कहा गया है। बताया जा रहा है कि इस मिसाइल को पनडुब्‍बी से दागे जाने की योजना है। 

फिलहाल भारत का परीक्षण अगर सफल होता है तो इससे भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ जाएगी।  भारत जमीन, हवा और समुद्र के नीचे से परमाणु हमला करने में सक्षम हो जाएगा  और इसलिए चीन की कोशिश है कि किसी तरह से भारत की परमाणु पनडुब्‍बी के बारे में चीन जानकारी हासिल कर सके। इसी वजह से ही व‍िशाखापत्‍तनम के तट से कुछ मील की दूरी पर चीन का शक्तिशाली जासूसी जहाज लगातार खड़ा है। माना जा रहा है कि इस जासूसी जहाज में कई ऐसे सोनार लगे हुए हैं जो पनडुब्बियों के संकेत को पकड़ने में माहिर है।

ये कहा जा रहा है कि चीन का जहाज  पिछले 23 फरवरी को चीन के किआंगदाओ पोर्ट से रवाना हुआ था। यह जहाज इसी रव‍िवार को बंगाल की खाड़ी में घुसा था।  चीन का यह जहाज कहां तक जाएगा, इसकी जानकारी चीन ने नहीं दी है।

जब-जब भारत मिसाइल टेस्‍ट करने वाला होता है, तो चीन के जासूसी जहाज निगरानी करने के लिए पहुंच जाते रहे हैं। चीन के इन जासूसी जहाजों को चीन की सेना संचालित करती है। जब K- 4 मिसाइल का सबसे पहली बार साल 2020 में परीक्षण किया गया था, तब भी चीन ने भारत की जासूसी करने की कोशिश की थी।

दरअसल, मालदीव में मुइज्‍जू सरकार के आने के बाद से ही हिंद महासागर में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं।  मालदीव ने चीन के साथ सीक्रेट मिल‍िट्री डील की है।  इसलिए भारतीय नौसेना चीन के दोनों ही जासूसी जहाजों की हिंद महासागर में निगरानी कर रही है। ताकी चीन कोई ऐसी वैसी हरकत ना कर बैठे जिससे भारत को नुकसान हो।

खैर जैसा की हमने आपको शुरूआत में बताया कि भारत ने चाइना किलर कही जाने वाली अपनी अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण कर चीन को कड़ा संदेश दिया है। क्योकि, पांच हजार किमी से ज्‍यादा रेंज वाली अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल में पहली बार एमआईआरवी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया जो सफल रहा और एक बार फिर भारत K- 4 सबमरीन लॉन्‍च बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है।  भारत के इस मिसाइल टेस्‍ट की भनक चीन को काफी पहले ही लग गई थी और माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने दो जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेज दिया था। जो अभी बंगाल की खाड़ी में डेरा डाले हुए है। लेकिन, भारत भी उसकी निगरानी कर रहा है और अगर चीन ने कोई भी चालाकी करने की कोशिश की तो भारत चीन को मूंहतोड़ जवाब देगा।


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