श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Follow us on:

असम: मुस्लिम विवाह और तलाक कानून को खत्म करने वाला विधेयक पारित

Muslim Marriage and Divorce Registration Act: असम की विधानसभा में आज यानी 29 अगस्त को असम निरसन विधेयक 2024 पारित किया गया, जिसके तहत 89 साल पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, नियम 1935 को खत्म किया गया।
Muslim Marriage and Divorce Registration Act

Muslim Marriage and Divorce Registration Act: असम की विधानसभा में आज यानी 29 अगस्त को असम निरसन विधेयक 2024 पारित किया गया, जिसके तहत 89 साल पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, नियम 1935 को खत्म किया गया।

इससे पहले, बाल विवाह को रोकने और मुस्लिम विवाह पंजीकरण में ‘काजी’ प्रणाली को खत्म करने के लिए असम सरकार ने पिछले हफ्ते एक नया विधेयक असम अनिवार्य मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण विधेयक 2024 पेश किया था और गुरुवार को राज्य विधानसभा में इस पर चर्चा भी की गई थी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “हम मुस्लिम विवाह पंजीकरण प्रक्रिया में ‘काजी प्रणाली’ को खत्म करना चाहते हैं। इसके अलावा हम राज्य में बाल विवाह को भी रोकना चाहते हैं।”

विपक्ष ने किया ‘काजी प्रणाली’को खत्म करने का विरोध

वहीं, विपक्षी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने ‘काजी प्रणाली’ को खत्म करने का विरोध किया था। AIUDF नेता अमीनुल इस्लाम ने कहा, “हम बाल विवाह के खिलाफ हैं और सरकार पिछले अधिनियम में कुछ प्रावधानों में संशोधन कर सकती है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम, 1935 को निरस्त कर दिया। हमारे पास इस मामले को अदालत में ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”

असम निरसन विधेयक, 2024 के प्रस्ताव का उद्देश्य असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 को निरस्त करने के लिए असम निरसन अध्यादेश, 2024 के विधेयक को प्रतिस्थापित करना है।

ये भी पढ़ें- जनसंख्या वृद्धि दर से भी अधिक है स्टूडेंट सुसाइड्स रेट, हर साल 4 प्रतिशत का

इसमें कहा गया है कि असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम, 1935 स्वतंत्रता-पूर्व ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा मुस्लिम धार्मिक और सामाजिक व्यवस्थाओं के लिए तत्कालीन असम प्रांत के लिए अपनाया गया अधिनियम है।

असम निरसन विधेयक, 2024 के अनुसार, विवाह और तलाक का पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है और पंजीकरण की व्यवस्था अनौपचारिक है, जिससे मौजूदा मानदंडों के गैर-अनुपालन की बहुत गुंजाइश है।

वहीं, असम के मंत्री जोगेन मोहन ने निरसन विधेयक के उद्देश्य और कारणों के विवरण में कहा, “21 वर्ष पुरुष और 18 वर्ष महिला से कम उम्र के इच्छुक व्यक्ति के विवाह को पंजीकृत करने के लिए किया गया है, जिससे सिविल अदालतों में बड़ी मात्रा में मुकदमेबाजी होती है। अधिकृत लाइसेंसधारियों (मुस्लिम विवाह रजिस्ट्रार) के साथ-साथ नागरिकों द्वारा कम उम्र/नाबालिग विवाह और पार्टियों की सहमति के बिना जबरन तय की गई शादियों के लिए दुरुपयोग की गुंजाइश है।” 

ये भी पढ़ें- Kupwara Encounter: मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी ढेर, सर्च ऑपरेशन


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

UP Cabinet
योगी सरकार ने PRD के जवानों को दी खुशखबरी, बढ़ाई गई सैलरी
Delhi Weather
दिल्ली-एनसीआर में हीटवेव की चेतावनी, राजस्थान में रेड अलर्ट जारी
KKR vs LSG Head to Head Records
IPL 2025: KKR ने जीता टॉस, लखनऊ सुपर जायंट्स को दिया पहले बल्लेबाजी का न्योता
Waqf Bill in Supreme Court
वक्फ कानून के खिलाफ SC में कई याचिकाएं दायर, 15 अप्रैल को हो सकती है सुनवाई
Supreme Court On Tamil Nadu Governor
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु गवर्नर को लगाई फटकार, जानें क्या हैं मामला?
pm modi
मुद्रा योजना से महिलाओं और युवाओं को लाभ, उद्यमिता को बढ़ावा: प्रधानमंत्री मोदी