Waqf Amendment Bill: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ 17 मार्च को दिल्ली के जनता मंतर पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि सरकार हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करना चाहती है और देश में अशांति चाहती है।
विरोध प्रदर्शन की बदली गई तारीख
एआईएमपीएलबी ने पहले 13 मार्च को विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया था, लेकिन उस दिन होली होने के कारण तारीख बदल दी गई। इलियास ने कहा, “हमें 13 मार्च को विरोध प्रदर्शन करना था, लेकिन उस दिन होली है। उस दिन सांसद शामिल नहीं हो पाएंगे। इसलिए, अब हम 17 मार्च 2025 को जंतर मंतर पर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान
एआईएमपीएलबी ने अपने समर्थन करने वाले सभी समुदायों के लोगों को इस विरोध प्रदर्शन में आमंत्रित किया है। इलियास ने कहा, “हमारा समर्थन करने वाले सभी समुदायों के लोगों को इस विरोध प्रदर्शन में आमंत्रित किया गया है। इस विरोध प्रदर्शन में कई सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है।”
वक्फ संशोधन विधेयक पर चिंताएं
एआईएमपीएलबी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। इलियास ने कहा, “यह कहना कि वक्फ को विशेष सुरक्षा प्राप्त है, गलत है। इस विधेयक में ‘वक्फ बाय यूजर’ का खंड मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों जैसी संपत्तियों से संबंधित है, जो पंजीकृत नहीं हैं, लेकिन वक्फ द्वारा वक्फ संपत्ति के रूप में उपयोग किए जा रहे हैं। इसके कारण, सभी अपंजीकृत संपत्तियां चली जाएंगी।”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश की आलोचना
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर की गई कार्रवाई की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की प्रक्रिया लोकतांत्रिक मानदंडों को बनाए रखने में विफल रही। रमेश ने समिति पर खंड-दर-खंड चर्चा को दरकिनार करने और विपक्षी सांसदों की असहमति की आवाजों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्ज़े वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र जैसे समाधान किए जाएंगे।