सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान सफल हुआ। उत्तरकाशी टनल हादसे में 17वें दिन बड़ी सफलता मिली। सुरंग में फंसे सभी लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में शिफ्ट किया गया। स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती सभी कर्मियों को डॉक्टरों की सलाह के अनुसार भोजन दिया जा रहा है।
17 दिनों की तनावपूर्ण प्रत्याशा के बाद उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग से उनके सफल बचाव की खबर मिलने पर 41 फंसे श्रमिकों के परिवार के सदस्यों के चेहरे पर राहत और खुशी छा गई। यह भावनात्मक पल सभी बचाव प्रयासों की परिणति के रूप में सामने आया जिसने देश का ध्यान खींचा।
लंबे समय तक हताशा सहने वाले परिवारों ने बचाव का जश्न मनाया और अपने प्रियजनों को वापस लाने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया। श्रमिकों के परिवारों ने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर खुशी जाहिर की। कई रिश्तेदार, जो घटना के कुछ दिन बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे और तब से वहीं डेरा डाले हुए थे आखिरकार अपने प्रियजनों से मिल गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिल्कयारा सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए श्रमिकों से टेलीफोन पर बातचीत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर खुशी जाहिर की। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा ‘’उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।‘’
राष्ट्रपति मुर्मू ने श्रमिकों के सुरक्षित निकलने पर खुशी जाहिर की। राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा ‘’मुझे यह जानकर राहत और खुशी महसूस हो रही है कि उत्तराखंड में एक सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बचा लिया गया है। बचाव कार्य में बाधाओं का सामना करने के कारण 17 दिनों तक की उनकी पीड़ा मानवीय सहनशक्ति का प्रमाण रही है। राष्ट्र उनके लचीलेपन को सलाम करता है और अपने घरों से दूर, बड़े व्यक्तिगत जोखिम पर भी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए उनका आभारी है। मैं उन टीमों और सभी विशेषज्ञों को बधाई देती हूं जिन्होंने इतिहास के सबसे कठिन बचाव अभियानों में से एक को पूरा करने के लिए अविश्वसनीय धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है।‘’
सिल्कयारी सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक निकालने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को बचाव अभियान में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने उन फंसे हुए लोगों के दृढ़ संकल्प की भी सराहना की जिन्होंने आशा छोड़े बिना ऐसी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर कहा “हम अपनी सुरक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए अथक प्रयास करने वाले सभी लोगों का हार्दिक आभार। उन लोगों के धैर्य और दृढ़ संकल्प की सराहना करें जिन्होंने ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया।”
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने उत्तराखंड में सिल्क्यारा-बारकोट सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को निकालने के लिए सफलतापूर्वक बचाव अभियान चलाने के लिए भारतीय अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सुरंग विशेषज्ञ प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स की भूमिका पर भी गर्व व्यक्त किया जिन्होंने असंख्य चुनौतियों का सामना करते हुए दो सप्ताह तक चले ऑपरेशन की निगरानी की। अल्बानीज़ ने एक्स पर पोस्ट किया “भारतीय अधिकारियों द्वारा एक अद्भुत उपलब्धि। गर्व है कि ऑस्ट्रेलियाई प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स ने ज़मीनी स्तर पर भूमिका निभाई।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग से बाहर निकाले गए सभी 41 श्रमिकों को राज्य सरकार की ओर से एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड से श्रमिकों को एक माह का सवेतन अवकाश देने का आग्रह भी किया है।