राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी 67वीं पुण्य तिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की। डॉ. बीआर अंबेडकर की पुण्य तिथि को “महापरिनिर्वाण दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य सांसदों ने आज संसद परिसर में उनकी प्रतिमा पर संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar paid floral tributes to Babasaheb Dr. BR Ambedkar on his Mahaparinirvan Diwas at Parliament House today. #BRAmbedkar @rashtrapatibhvn @narendramodi @ombirlakota pic.twitter.com/YzxmbFurxF
— Vice-President of India (@VPIndia) December 6, 2023
पीएम मोदी मे अपने सोशल मीडिया एक्स पर संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा ”पूज्य बाबा साहेब भारतीय संविधान के निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर समर्थक थे जिन्होंने अपना जीवन शोषितों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरी सादर श्रद्धांजलि’’।
पूज्य बाबासाहेब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे, जिन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 6, 2023
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की ”बाबा साहेब डॉ. बीआर अमदेबकर ने अपना पूरा जीवन एक समान और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना, प्रगति के लिए समर्पित कर दिया था। राष्ट्र, मानवाधिकार और सभी के लिए सामाजिक न्याय। उनकी पुण्य तिथि पर मैं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समतामूलक समाज की स्थापना, राष्ट्र की उन्नति, मानव अधिकार और सर्वजन कल्याण के लिए समर्पित किया।
— Om Birla (@ombirlakota) December 6, 2023
आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर आत्मीय श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
परम श्रद्धेय बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर संसद भवन परिसर में उन्हें भावभीनी पुष्पांजली अर्पित की।#BabaSahebAmbedkar pic.twitter.com/PHOPXh9CjZ
— Om Birla (@ombirlakota) December 6, 2023
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संदेश में कहा ‘’मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे राष्ट्र के लिए उनके उल्लेखनीय योगदान को नमन करता हूं। उनके विचारों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भारत के संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका को कभी नहीं भूलेंगी।”
On ‘Mahaparinirvan Diwas’, I bow to Babasaheb Ambedkar and his remarkable contributions to our nation. His thoughts inspired millions, and our coming generations will never forget his role in creating India's Constitution.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 6, 2023
पीएमओ राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाबासाहेब को याद करते हुए कहा ”आज हम महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को याद करते हैं। हमारे संविधान के मुख्य वास्तुकार, बाबासाहेब ने एक समतामूलक और मजबूत भारत के निर्माण के लिए जीवन भर अथक प्रयास किया।”
Today, we remember Babasaheb Dr Bhim Rao Ambedkar on #MahaparinirvanDiwas. The chief architect of our Constitution,Babasaheb worked tirelessly throughout his life for creating an equitable and a strong India.#DrBRAmbedkar pic.twitter.com/VRg3YaDM4X
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) December 6, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भारतीय संविधान के वास्तुकार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा ”हम सबसे पहले और अंत में भारतीय हैं।” ~ बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर बाबासाहेब स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आजीवन समर्थक थे। उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर हम सामाजिक परिवर्तन और सामाजिक न्याय के उनके विचारों के प्रति गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं। हमें सामूहिक रूप से इसे संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए और राष्ट्र के लिए उनके सर्वोत्तम योगदान – भारत के संविधान की रक्षा करें।”
“We are Indians, firstly and lastly”
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 6, 2023
~ Babasaheb Dr. B R Ambedkar
Babasaheb was a lifelong champion of the democratic principles of liberty, equality, fraternity and justice.
On his Mahaparinirvan Diwas, we pay our deepest respects to his ideas of social transformation and… pic.twitter.com/Qx9xtltFWK
14 अप्रैल 1891 को जन्मे बाबा साहेब अम्बेडकर एक भारतीय न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। डॉ. बीआर अंबेडकर दलितों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिला विज्ञापन कर्मियों के अधिकारों का समर्थन किया। 6 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु हो गई।
बाबा साहेब अम्बेडकर एक प्रतिभाशाली छात्र थे उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय दोनों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 1956 में उन्होंने शहर के मुख्य जल टैंक से पानी लेने के अछूत समुदाय के अधिकार के लिए लड़ने के लिए महाड में एक सत्याग्रह का नेतृत्व किया।
25 सितम्बर 1932 को अम्बेडकर और मदन मोहन मालवीय के बीच पूना पैक्ट नामक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। समझौते के कारण दलित वर्ग को विधायिका में पहले आवंटित 71 सीटों के बजाय 148 सीटें प्राप्त हुईं।
बाबा साहेब अम्बेडकर आज़ादी के बाद भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सात सदस्यों में से एक थे। 1990 में अम्बेडकर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। बाबा साहेब अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में उनके घर पर नींद में ही हो गई।