आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारत ने 28 दिसंबर तक कोविड-19 सबवेरिएंट जेएन.1 के कुल 145 मामले दर्ज किए हैं। जेएन.1 वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले केरल से सामने आए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राज्य ने जेएन.1 सबवेरिएंट के 41 मामले दर्ज किए जिनमें से अधिकांश को घर में अलग-थलग कर दिया गया।
नए साल से पहले केंद्र और राज्य सरकारें नई ओमीक्रॉन सबवेरिएंट जेएन.1 पर कड़ी नजर रख रही हैं। नए अपडेट के अनुसार भारत में पिछले 24 घंटों में 797 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए और सक्रिय मामलों की संख्या 4 हजार है।
JN.1 रुचि का एक प्रकार (VOI) है जो गहन वैज्ञानिक जांच के अधीन है। 16 दिसंबर तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 41 देशों से कोविड-19 जेएन.1 सबवेरिएंट के 7,344 मामले दर्ज किए।
इस बीच दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने बुधवार को देश में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक वृद्धि के बाद अस्पतालों में रिपोर्ट किए जाने वाले कोविड-19 संदिग्ध या सकारात्मक मामलों के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
एम्स दिल्ली के निदेशक ने बुधवार को कोविड-19 आकस्मिक उपायों पर अस्पताल के सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड-19 परीक्षण पर नीति सकारात्मक रोगियों और उनके अस्पताल में भर्ती के लिए नामित क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
प्रबंधन द्वारा निर्देशित COVID-19 परीक्षण नीति के अनुसार SARI (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) जैसे लक्षणों वाले रोगियों के लिए परीक्षण किया जाएगा जिसमें WHO के अनुसार तीव्र श्वसन संक्रमण, लगातार बुखार शामिल है।