उत्तर पश्चिमी चीन के गांसु प्रांत में सोमवार देर रात तेज भूकंप के बाद तबाही मच गई। 6.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद कम से कम 116 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। इतना ही नहीं गांसु प्रांत के जिशिशान काउंटी में भूकंप से राजमार्गों और घरों को काफी नुकसान पहुंचा।
शक्तिशाली भूकंप आने के बाद लोग घरों से बाहर भागे और कड़ाके की सर्दी में रात भर दुबके रहे जबकि बचावकर्मी मलबे में फंसे बचे लोगों की तलाश में दौड़ रहे थे। अधिकारियों के अनुसार गांसु में अब तक 397 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 76 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक झटके लगभग 20 सेकंड तक रहे और 102 किलोमीटर दूर प्रांत की राजधानी लान्झू में महसूस किए गए।
भूकंप के बाद की स्थिति के संबंध में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ‘ऑल-आउट’ का आग्रह किया है। लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावित लोगों के लिए खोज और बचाव प्रयास और उचित व्यवस्था पर जोर दिया।राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं जिसमें पूर्ण पैमाने पर खोज और बचाव प्रयासों, प्रभावित लोगों के उचित पुनर्वास और लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम प्रयास करने की मांग की गई है।
राज्य परिषद के भूकंप राहत मुख्यालय और आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने राष्ट्रीय भूकंप आपातकालीन प्रतिक्रिया को लेवल II में अपग्रेड कर दिया है। सिन्हुआ ने चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र का हवाला देते हुए बताया कि भूकंप सोमवार रात 11:59 बजे आया था और इसकी फोकल गहराई 10 किमी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि भूकंप से घरों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। कई गांवों में बिजली गुल हो गई है और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप
वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं। बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है। जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है।