अपनी बड़ी कार्रवाई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार यानी आज राष्ट्रीय राजधानी सहित चार राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में 32 स्थानों पर खूंखार लोगों के खिलाफ तलाशी ली। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह, प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल और अन्य तीन अलग-अलग आतंकी-गैंगस्टर मामलों में चल रहे मामले के संबंध में छापेमारी की।
आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने बीकेआई और लॉरेंस बिश्नोई अपराध सिंडिकेट की साजिशों और गतिविधियों से संबंधित तीन मामलों में बड़े पैमाने पर बहु-राज्य कार्रवाई में आपत्तिजनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों और नकदी के साथ-साथ कई अवैध हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए।
एनआईए के अधिकारियों ने जिन 32 स्थानों पर छापेमारी की उनमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ शामिल हैं। मेगा-ऑपरेशन आज सुबह शुरू हुआ। छापेमारी में एनआईए ने दो पिस्तौल, दो मैगजीन और गोला-बारूद के अलावा 4.60 लाख रुपये की नकदी के अलावा दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त करने का दावा किया है।
एनआईए ने कहा “जिन तीन मामलों में एनआईए ने आज छापेमारी की, वे बीकेआई और देश में सक्रिय आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क द्वारा की जा रही आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित हैं। ऐसी गतिविधियों में हथियार और गोला-बारूद जैसे आतंकवादी हार्डवेयर की तस्करी करना शामिल है। आतंकवादी हार्डवेयर का उपयोग देश के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोट, लक्षित हत्याएं, जबरन वसूली और आतंकी संगठनों को आतंकी फंडिंग करने के लिए आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक सिंडिकेट के सदस्यों और सदस्यों द्वारा किया जा रहा है।”
32 स्थानों पर की गई छापेमारी में से बीकेआई के प्रमुखों और सदस्यों की गतिविधियों से संबंधित मामले (आरसी-21/2023/एनआईए/डीएलआई) में 16 स्थानों पर तलाशी शामिल थी।
एनआईए जिसने पिछले साल 10 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था, उन्होंने हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा की पहचान पंजाब में आतंकी साजिश रचने के साथ-साथ हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में की है। एनआईए जांच के अनुसार वे आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम चैनलों के माध्यम से अपने सहयोगियों को धन भी भेज रहे हैं।
गैरकानूनी गतिविधियों के तहत लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार सहित उसके सहयोगियों के निर्देश पर चलाए जा रहे संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ एनआईए द्वारा दर्ज मामले (आरसी-39/2022/एनआईए/डीएलआई) में कुल सात स्थानों पर छापेमारी की गई।
सिंडिकेट ने ‘नामित व्यक्तिगत आतंकवादी’ हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के साथ सक्रिय साजिश में देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी अपने माफिया-शैली के आपराधिक नेटवर्क फैलाए हैं। ये नेटवर्क कई सनसनीखेज अपराधों में शामिल रहे हैं, जैसे लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के साथ-साथ प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या, इसके अलावा व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली।
तीसरा मामला (आरसी-22/) 2023/एनआईए/डीएलआई) जिसमें आज नौ छापे मारे गए, भारत और विदेशों में स्थित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और आपराधिक गिरोहों से संबंधित हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में आतंक और आपराधिक साजिश रचने में शामिल रहे हैं। एनआईए ने कहा ”भारत में आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में लगे आतंकवादी संगठनों और व्यक्तिगत आतंकवादियों के साथ-साथ उनके समर्थन नेटवर्क पर एनआईए की निरंतर कार्रवाई का हिस्सा एनआईए थी।”